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हर स्टोर पर प्रीमियम ब्रांड, 25 ही रहेगी बीयर पीने की न्यूनतम उम्र... दिल्ली में एक महीने में आएगी शराब नीति की ड्राफ्ट पॉलिसी

दिल्ली की मौजूदा नीति में प्रीमियम ब्रांड केवल चुनिंदा स्टोर्स पर ही मिलते हैं, जिससे सरकार को राजस्व का घाटा उठाना पड़ता है. वहीं बीयर पीने की न्यूनतम उम्र पर भी चर्चा हुई. दिल्ली में फिलहाल बीयर पीने की कानूनी उम्र 25 है, जिसे घटाकर 21 साल करने पर विचार किया गया. लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी.

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दिल्ली में नई शराब नीति में राजस्व बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है (Photo- Representational)
दिल्ली में नई शराब नीति में राजस्व बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है (Photo- Representational)

दिल्ली सरकार अगले एक महीने में नई शराब नीति (Liquor Policy) का ड्राफ्ट पेश कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, इस ड्राफ्ट में कई बड़े बदलाव शामिल किए गए हैं, जिनका मकसद राजस्व बढ़ाना और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प देना है. प्रस्तावित पॉलिसी में राजधानी की सभी रिटेल दुकानों पर प्रीमियम शराब ब्रांड भी उपलब्ध कराने की योजना है.

दरअसल, फिलहाल मौजूदा नीति में प्रीमियम ब्रांड केवल चुनिंदा स्टोर्स पर ही मिलते हैं, जिससे सरकार को राजस्व का घाटा उठाना पड़ता है. नई योजना का मकसद है कि दिल्ली में शराब की उपलब्धता और कीमतें एनसीआर के अन्य हिस्सों के बराबर लाई जा सकें. इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

बीयर पीने की उम्र घटाने पर भी चर्चा

सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि बीयर पीने की न्यूनतम उम्र कम करने पर भी चर्चा हुई है. हालांकि इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई है. यानी फिलहाल बीयर की न्यूनतम कानूनी पीने की उम्र में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

दिल्ली में फिलहाल बीयर पीने की कानूनी उम्र 25 है, जिसे घटाकर 21 साल करने पर विचार किया गया. हालांकि इस पर सहमति नहीं बनी. NCR के पड़ोसी शहर जैसे- नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में पहले से ही बीयर पीने की कानूनी उम्र 21 साल है.

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सरकारी अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में बीयर पीने की एज लिमिट यानी उम्र सीमा कम करने से अवैध शराब की बिक्री और ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है.

इसके अलावा नई पॉलिसी में वैज्ञानिक परीक्षण के जरिए शराब की गुणवत्ता जांचने, बिक्री प्रणाली को डिजिटल बनाने, अवैध बिक्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी करने जैसे सुधार भी शामिल किए जा सकते हैं.

पिछली पॉलिसी विवादों में

गौरतलब है कि 2021 में आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के चलते कुछ ही महीनों बाद इसे वापस लेना पड़ा. इस विवाद में कई वरिष्ठ आप नेताओं, जिनमें केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी शामिल थे, की गिरफ्तारी हुई थी. इसे विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का एक बड़ा कारण माना जाता है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही साफ कर चुकी हैं कि नई नीति में सामाजिक सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और इसका खाका इस तरह तैयार किया जाएगा कि समाज के कमजोर वर्गों पर इसका नकारात्मक असर न पड़े.

सूत्रों के मुताबिक, जब समिति ड्राफ्ट सौंपेगी तो दिल्ली कैबिनेट उसकी समीक्षा कर अंतिम रूप देगी. इसके बाद पॉलिसी को लागू करने का ऐलान किया जाएगा. उम्मीद है कि जल्द ही इस नई शराब नीति के सभी बिंदुओं की आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.

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