देश की राजधानी दिल्ली के कालिंदी कुंज यमुना घाट पर गुरुवार को बाढ़ जैसे हालात बन गए. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 207 मीटर तक पहुंच गया है. ओखला बैराज से लगातार छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के कारण घाट पूरी तरह डूब चुका है. यहां तक कि जिस स्थान पर पूजा-पाठ होता था, वहां भी 10 से 15 फीट तक पानी भर गया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात 2023 जैसी स्थिति की याद दिला रहे हैं. घाट पर रहने वाले लोगों ने बताया कि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पानी का बहाव तेज है. नतीजतन, घाट की पूरी संरचना और आसपास के क्षेत्र पानी में समा चुके हैं.
कालिंदी कुंज में बाढ़ जैसे हालात, डरे लोग
घटना का असर आसपास के इलाकों में भी देखने को मिला. कई घरों और दुकानों में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा है. यमुना के इस विकराल स्वरूप ने न केवल लोगों को परेशान किया है बल्कि प्रशासन के सामने भी चुनौती खड़ी कर दी है.
फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि घाट पर केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है, जहां लोग पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करते थे, वहां अब नावें तक नहीं चल पा रही हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर बार बारिश और बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यही स्थिति बनती है, लेकिन इस बार पानी की मात्रा बहुत अधिक है.
यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी रहा, तो स्थिति और बिगड़ सकती है.