दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है और निचले इलाकों में पानी भरने से हालात गंभीर होते जा रहे हैं. राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी हैं, लेकिन बाढ़ की त्रासदी के बीच राजधानी की सियासत भी गरमा गई है. आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा पिछले साल तक उपराज्यपाल लगातार चिट्ठियों और बयानों के जरिए बाढ़ प्रबंधन पर सवाल उठाते थे, लेकिन इस बार वे मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे.
आप दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा, “कृपया पता करें कि क्या LG साहब के पास अभी भी स्टेनो और प्रिंटर है? पिछले साल तक तो वे लगातार दिल्ली के सीएम को चिट्ठियां लिखते थे. अब क्यों चुप हैं?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली की बीजेपी सरकार ने नालों और यमुना की डिसिल्टिंग का ऑडिट नहीं कराया. भारद्वाज ने सवाल उठाया, “पिछले वर्ष तक LG कहते थे कि यमुना की डिसिल्टिंग नहीं हुई. अब क्या कहेंगे LG? और अब तक बाढ़ में नज़र क्यों नहीं आए LG?”
इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे प्रशासन के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्यों में जुट जाएं. उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाना पार्टी कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है.
207 मीटर के पार पहुंचा यमुना का जलस्तर
बता दें कि यमुना का जलस्तर गुरुवार को पुराना रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर 207.46 मीटर दर्ज किया गया और अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि धीरे-धीरे पानी उतरना शुरू होगा. हालांकि, बाढ़ का पानी कई इलाकों में घुस चुका है. दिल्ली सचिवालय के आसपास तक पानी पहुंच गया है. मयूर विहार फेज़-1 के राहत शिविर भी डूब गए. मठ बाजार, यमुना बाजार और कश्मीरी गेट के पास श्री मर्घट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक पानी आ गया.
निगमबोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाट में भी पानी घुसने से अंतिम संस्कार में दिक्कतें हो रही हैं. गीता कॉलोनी श्मशान घाट के संचालक संजय शर्मा ने कहा कि प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली और लकड़ियां पानी में खराब हो गई हैं. मजबूरी में अंतिम संस्कार सड़क पर ही किए जा रहे हैं.
राजस्व विभाग के मुताबिक अब तक 8,000 से ज्यादा लोगों को टेंटों में और 2,000 से ज्यादा को स्थायी आश्रयों में शिफ्ट किया गया है.