भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में अगले साल होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर काम करने शुरू कर दिया है. बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा ने इस क्रम दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल को लोगों को साधने के लिए छठ महोत्सव से पहले घाटों की साफ-सफाई शुरू कर दी है.
दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष संतोष ओझा ने कहा कि पूर्वांचल मोर्चा की पहली बैठक में आगामी छठ महापर्व को लेकर बीजेपी का पूर्वांचल मोर्चा पूरे प्रदेश में घाटों की साफ सफाई, रजिस्टर छठ घाटों को तैयार कर रहा है. पूरी दिल्ली के हर मंडल में 11 व्रत करने वाली महिलाओं को अर्घ्य का सामान उपहार के तौर पर दिया जाएगा. ओझा ने दिल्ली सरकार से अपील की यमुना की साफ सफाई जल्द से जल्द कराएं क्योंकि नदी किनारे ही इस पर्व को मनाने की परम्परा है.
प्रदेश भाजपा आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर काफी सजग है और वोटर को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती.यही वजह है कि दिल्ली प्रदेश भाजपा ने प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष सहित पूरी पूर्वांचल मोर्चा की टीम बदल दी और नये टीम की घोषणा कर संतोष ओझा अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी के बाद प्रदेश स्तर की टीम हो या फिर पिछले निगम चुनाव पार्टी में पूर्वांचलियों की भागीदारी बहुत कम रही है. तीसरी बार सांसद बनने के बाद पूर्वांचलियों में उम्मीद थी कि सांसद मनोज तिवारी को मोदी सरकार में कोई ना कोई मंत्रालय मिलेगा, लेकिन ऐसा ना होने पर पूर्वांचलियों के एक बड़े तबके में नाराजगी भी है. इन्हीं वजहों से बीजेपी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.
वहीं, अरविंद केजरीवाल सरकार की 10 साल की एंटी इनकम्बेंसी और घोटालों के आरोप तीन-तीन मंत्रियों का जेल जाने के फैक्टर पर भाजपा पूरी उम्मीद लगाए बैठी है कि 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में साल 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी कम बैक कर सकती है.
केंद्रीय नेतृत्व हो या प्रदेश भाजपा इस तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती इसी के मद्देनज़र पूर्वांचल के एक बड़े वर्ग को साधने के लिए नई टीम कि घोषणा की गई.
इन सीटों पर हैं पूर्वांचली वोटर्स का वर्चस्व
दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है. दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी हैं. ये प्रवासी उत्तर प्रदेश, बिहार और अलग-अलग राज्यों से रोजगार की तलाश में दिल्ली आते हैं. दिल्ली में करीब 42% वोटर पूर्वांचल के रहने वाले लोगों के हैं जो 70 विधानसभा सीटों में से लगभग आधे पर जीत-हार में फर्क डालते हैं. जिसमें बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पटपड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी जैसी प्रमुख सीटें शामिल हैं.