दिल्ली पुलिस पहली बार अपने स्पेशल वेपन्स ऐंड टैक्टिक्स (SWAT) टीम में 40 महिलाओं को शामिल करने जा रही है. यह स्पेशल कमांडो टीम आतंक निरोध अभियानों और दुर्दांत अपराधियों से निपटने के काम आती है. फिलहाल इस टीम में करीब 200 पुरुष कमांडो की टीम है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, स्वाट कमांडो अत्याधुनिक हथियारों और सुरक्षा उपरकणों से लैस होते हैं और चेतावनी जारी होने के बाद मिनटों में कार्रवाई के लिए तैयार हो जाते हैं. राजधानी दिल्ली में SWAT टीम का गठन 26/11 के मुंबई हमलों के बाद साल 2009 में किया गया था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, 'इस बल में नए बैच की भर्ती के साथ ही महिलाओं को शामिल किया जाएगा. उन्हें पुरुष साथियों के साथ ही प्रशिक्षित और तमाम साजो-सामान से लैस किया जाएगा. उनकी नियुक्ति की पूरे शहर में पुरुषों की तरह ही की जाएगी.'
गौरतलब है कि SWAT टीम के कुछ सदस्य हर समय शहर में पूरी तरह तैयारी के साथ ड्यूटी पर रहते हैं. रोटेशन के मुताबिक जो लोग ड्यूटी पर नहीं होते, उन्हें 15 दिन के प्रशिक्षण पर भेज दिया जाता है, ताकि वे अपने कौशल को निखार सकें.
स्वाट कमांडो को एके-47 राइफल, एमपी5 मशीन गन, ग्लॉक 17 या 26 पिस्टल और रात में बेहतर तरीके से देखने के लिए कॉर्नर शॉट डिवाइसेज दिए जाते हैं. उन्हें क्रव मगा का भी प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जो इजरायली सेना द्वारा विकसित आत्मरक्षा प्रणाली है. इन कमांडो को एक पेंसिल टॉर्च, बुलेटप्रूफ हेलमेट, बुलेटप्रूफ जैकेट, एक कटर और एक कमांडो डैगर भी दिया जाता है. वे गुप्त कमांडो अभियानों के दौरान स्पेशल नी एवं एल्बो पैड भी पहनते हैं.
भर्ती के बाद प्रशिक्षण के अलावा इन जवानों को एनएसजी की तरह का 10 महीने तक अभ्यास कराया जाता है. इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें यह सिखाया जाता है कि किस तरह से भीड़ वाले बाजारों, आवासीय परिसरों या सरकारी परिसरों में आतंकी हमले के दौरान जटिल अभियान संचालित किया जाए.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस फिलहाल पूरे देश से चुनकर 7,307 कमांडो भर्ती की प्रक्रिया चला रही है, इसमें से 2,424 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी गई हैं.