दिल्ली में कोरोना की स्पीड के साथ ही बढ़ते तापमान ने दिल्ली वालों की चिंता बढ़ा दी है. पूरी सरकारी मशीनरी कोरोना की महामारी को कंट्रोल करने में जुटी है. वहीं, यही वह वक्त है जब मच्छरों का लार्वा बहुत तेजी से पनपता है और डेंगू मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ते हैं. मुसीबत ये है कि नॉर्थ और साउथ एमसीडी की ओर फॉगिंग नहीं कराई जा रही है. एमसीडी के लोग कॉलोनियों में जाकर सैनिटाइजेशन करने में जुटे हैं.
निगमों में मलेरिया इंस्पेक्टर, असिस्टेंट मलेरिया इंस्पेक्टर के ज्यादातर पद खाली हैं. ऐसे में बढ़ते तापमान के साथ ही विक्टर बॉर्न डिजीज बढ़े तो कोरोना के अलावा इस नए खतरे से कैसे लड़ेंगे? जवाब में निगम की सत्ता पर काबिज बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि दिल्ली में फॉगिंग नहीं हो रही है तो इसकी वजह दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) का आदेश है. डीडीएमए ने आदेश में कहा कि फॉगिंग से सांस की समस्या हो सकती है. ऐसे में फॉगिंग की बजाय सफाई पर ध्यान दिया जाये.
दिल्ली में डेंगू के आधा दर्जन मामले
दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले केस मिला लें तो मलेरिया के पांच केस हैं. डेंगू के छह केस हैं. दूसरे, राज्यों की संख्या को मिला लें तो ये 14 हो जाएंगे. एक मामला चिकनगुनिया का भी है. वेक्टर बॉर्न डिजीज हेडक्वार्टर से मिले आंकड़े बताते हैं कि साउथ एमसीडी में 588, नॉर्थ एमसीडी में 185 और ईस्ट एमसीडी में 250 केस तमाम घरों से मिले. यानी कुल मिलाकर 1023 केस हैं. इसी 1 जनवरी से 27 मार्च के बीच पिछले साल 389 केस मिले थे. हालांकि, निगमों का दावा है कि 27.9 लाख विजिट ब्रीडिंग चेकर्स ने इस बार की है.
कहीं बेकाबू ना हो जाए डेंगू
दिल्ली के लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि सबका ध्यान कोरोना की तरफ हो और डेंगू जैसी दहशत दबे पांव आ जाए. दो साल से डेंगू का प्रकोप बहुत कम रहा है और पिछले साल 31 अक्टूबर 2020 तक का आंकड़ा कहता है कि डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई.
| साल | डेंगू के कुल मामले | मौत |
| 2015 | 15867 | 60 |
| 2016 | 4431 | 10 |
| 2017 | 4726 | 10 |
| 2018 | 2798 | 04 |
| 2019 | 2036 | 02 |
| 2020 (31 अक्टूबर तक) | 612 | 00 |