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दिल्ली: गौशालाओं को 30 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने का आरोप, मेयर बोले- नहीं मिला फंड

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर और बीजेपी नेता जय प्रकाश का कहना है कि दिल्ली की गौशालाओं को नगर निगम की तरफ से ग्रांट दी जाती है. नगर निगम के खुद के राजस्व के जो स्रोत हैं वह कम हो चुके हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

  • एमसीडी पर चारे का भुगतान नहीं करने का आरोप
  • प्रभारियों की पशुओं को सड़क पर छोड़ने की चेतावनी

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित एमसीडी पर चार सरकारी गौशालाओं के रखरखाव और गायों के चारे के लिए बकाया पैसे का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. आम आदमी पार्टी के मुताबिक सरकारी गौशालाओं में तीन-चार दिन का चारा ही बचा है. बकाया राशि देने की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया है कि सरकारी गाय आश्रय को अपने हिस्से का 30 करोड़ रुपये बीजेपी शासित एमसीडी ने अभी तक नहीं दिया है.

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा है, 'कोरोना काल में दिल्ली में लगभग 25,000 मवेशी भोजन की कमी से पीड़ित हैं. बीजेपी शासित एमसीडी ने भ्रष्टाचार करके गायों के रखरखाव के हिस्से का धन भी डकार लिया. गाय आश्रय के प्रभारियों ने पैसा नहीं मिलने पर पशुओं को सड़क पर छोड़ने की चेतावनी दी है.'

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दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा, 'गायों के भोजन में भारी कमी होने के पीछे पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है. चुनाव आते ही भारतीय जनता पार्टी लोगों को गाय के नाम पर लड़ाती है, गाय के नाम पर वोट मांगती है. लेकिन जब बात दिल्ली के गौशालाओं में पल रही गायों के प्रति बीजेपी शासित नगर निगम की जिम्मेदारियों की आती है, तो बीजेपी मौन हो जाती है.'

फंड की किल्लत

वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर और बीजेपी नेता जय प्रकाश का कहना है कि दिल्ली की गौशालाओं को नगर निगम की तरफ से ग्रांट दी जाती है. नगर निगम के खुद के राजस्व के जो स्रोत हैं वह कम हो चुके हैं. फंड की किल्लत का जिक्र करते हुए मेयर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार से जो फंड मिलते हैं वह अभी तक नहीं मिल पा रहे हैं. दो तिमाही के 1608 करोड़ रुपये निगम को आने थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ 387 करोड़ रुपये ही दिया है, दोनों तरफ से पैसे की शॉर्टेज है.'

सड़कों पर छोड़ देंगे गाय

आम आदमी पार्टी के नेता ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपने हिस्सा के पैसे का हर साल भुगतान करती आई है. दिल्ली सरकार ने 2019-20 में 11 करोड़, 2018-19 में 10.5 करोड़ और 2017-18 में भी 10.5 करोड़ का भुगतान किया है. आम आदमी पार्टी के मुताबिक गाय आश्रय से प्रभारियों के जरिए धमकी दी गयी है कि अगर यह पैसा नहीं चुकाया जाता है, तो वे इन सभी गायों को दिल्ली की सड़कों पर छोड़ देंगे, जो दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ी समस्या की बात होगी.

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आम आदमी पार्टी द्वारा जारी बयान के मुताबिक दिल्ली में चार सरकारी गाय आश्रय हैं. जहां लगभग 25,000 गाय रहती हैं. नियमों के अनुसार दिल्ली सरकार प्रति गाय प्रति दिन 20 रुपये का भुगतान करती है और वही पैसा बीजेपी शासित एमसीडी को भी देना होता है. यह राशि प्रति वर्ष दिल्ली सरकार के लिए लगभग 10-11 करोड़ रुपये होता है और उतनी ही राशि का भुगतान दिल्ली की नगर निगम के जरिए भी किया जाना चाहिए, जो बीजेपी के अधीन हैं.

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