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छत्तीसगढ़ के जांजगीर में तालाब में डूबे चार मासूम, भाई-बहन सहित सभी की मौत

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले में शनिवार को दर्दनाक हादसे में चार मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई. सभी बच्चे दोपहर में स्कूल से लौटने के बाद खेलने निकले थे. जब परिजनों ने बच्चों के कपड़े तालाब किनारे देखे, तो ग्रामीणों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. गांव में शोक का माहौल है.

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तालाब में डूबे चार मासूम (Photo: Representational )
तालाब में डूबे चार मासूम (Photo: Representational )

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है. चार मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई. हादसा शनिवार दोपहर भैंसतरा गांव में हुआ, जो बलौदा थाना क्षेत्र में आता है. मृत बच्चों की उम्र 5 से 8 साल के बीच बताई गई है. मृतकों में एक भाई-बहन की जोड़ी भी शामिल है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि पुष्पांजलि श्रीवास (8 वर्ष), उसका भाई तुषार (5 वर्ष), ख्याति केनवत (6 वर्ष) और अंबिका यादव (6 वर्ष), दोपहर करीब 12 बजे स्कूल से घर लौटे थे. भोजन के बाद सभी बच्चे खेलने के लिए घर से बाहर निकल गए. जब काफी देर तक बच्चे वापस नहीं लौटे, तो परिवारवालों को चिंता हुई और उन्होंने बच्चों की तलाश शुरू की.

तलाशी के दौरान परिजनों को गांव के एक तालाब के किनारे बच्चों के कपड़े नजर आए. आशंका होते ही उन्होंने गांववालों को बुलाया और बच्चों की तलाश शुरू की गई. कुछ ही देर बाद चारों बच्चों को पानी से बाहर निकाला गया और तुरंत बलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी अस्पताल पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. बलौदा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि अकस्मात मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है.

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ग्रामीणों के अनुसार, जिस तालाब में यह हादसा हुआ, वहां कोई सुरक्षा उपाय नहीं था और न ही आसपास कोई चेतावनी बोर्ड लगा था. यह तालाब बच्चों के खेलने के स्थान के पास ही स्थित है, जिससे पहले भी कई बार दुर्घटना की आशंका जताई जा चुकी थी.

घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है. एक ही दिन चार-चार मासूमों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों ने तालाबों के किनारे बैरिकेडिंग और सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे दोबारा न हों.

 

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