कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश और बिहार की विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बुधवार को यूपी के स्नातक व शिक्षक क्षेत्र की 11 एमएलसी सीटें रिक्त हो रही हैं तो ही बिहार की 17 विधान परिषद सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से आठ सीटें शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं और बाकी नौ विधायकों द्वारा निर्वाचित होने वाली सीटें हैं. इसके अलावा बिहार की 12 मनोनीत सीट भी इसी महीने रिक्त हो रही है.
लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते चुनाव आयोग ने तीन अप्रैल को ही इन सीटों के लिए चुनाव टाल दिया था. ऐसे में रिक्त हो रही सीटों के लिए शिक्षक और स्नातक कोटे से 8 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें नीरज कुमार-स्नातक पटना, देवेश चंद्र ठाकुर-स्नातक तिरहुत, दिलीप कुमार चौधरी-स्नातक दरभंगा, एनके यादव- स्नातक कोसी, नवल किशोर यादव- शिक्षक पटना, संजय कुमार सिंह- शिक्षक-तिरहुत, केदारनाथ पांडेय- शिक्षक सारण एवं मदन मोहन झा- शिक्षक दरभंगा से हैं.
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विधायक कोटे वाले MLC
विधायक कोटे से खाली होने वाली विधान परिषद की सीटों में जेडीयू से मंत्री अशोक चौधरी, विधान परिषद के सभापति हारूण रशीद, पीके शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता और हीरा प्रसाद बिंद. वहीं, बीजेपी कोटे से कृष्ण कुमार सिंह, संजय मयूख और राधामोहन शर्मा का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
विधान परिषद के सभापति का पद भी रिक्त
विधान परिषद के सभापति रहे हारूण रसीद सदस्यता समाप्त होने के चलते पद पर नहीं रह पाएंगे. बुधवार को कार्यकारी सभापति या उप सभापति के पद पर किसी का मनोनयन नहीं किया गया तो दोनों पद खाली हो जाएंगे. विधान परिषद के इतिहास में यह तीसरा अवसर होगा जब दोनों पद खाली रहेंगे. इससे पहले सात मई 1980 से 13 जून 1980 एवं 13 जनवरी 1985 से 17 जनवरी 1985 तक दोनों पद खाली रहे थे. ऐसी स्थिति में संविधान के मुताबिक दोनों पदों की शक्तियां राज्यपाल में निहित हो जाती हैं.
मंत्रियों पर नहीं संकट
मंत्री नीरज कुमार और डॉ. अशोक चौधरी विधान परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी मंत्रिमंडल के सदस्य बने रहेंगे. संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार ये अगले छह महीने तक पद पर बने रह सकते हैं. इस अवधि में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं बने तो मंत्री पद का त्याग करना होगा.
यूपी के 11 MLC सीटों का कार्यकाल खत्म
वहीं, उत्तर प्रदेश के विधान परिषद के 11 सदस्यों जिनका कार्यकाल बुधवार को को खत्म हो रहा है, उनमें शिक्षक दल के ओमप्रकाश शर्मा, जगवीर किशोर जैन, उमेश द्विवेदी, ध्रुव कुमार त्रिपाठी, हेम सिंह पुंडीर, निर्दल समूह के क्षेत्र नारायण सिंह, क्रांति सिंह, समाजवादी पार्टी के डॉ. असीम यादव, संजय कुमार मिश्र बीजेपी के केदारनाथ सिंह और डॉ. जगदीश शर्मा हैं. इनमें से छह सीटें शिक्षक निर्वाचन, पांच सीटें स्नातक चुनाव क्षेत्र की हैं.
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कोरोना संकट के चलटे उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 11 सीटों पर होने वाले एमएलसी के चुनाव टाल दिए हैं. यूपी में स्नातक कोटे से लखनऊ, वाराणसी, आगरा और मेरठ की विधान परिषद का चुनाव होना है. वहीं, शिक्षक कोटे से लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद सीटें हैं. इस बार बीजेपी सहित तमाम पार्टियां शिक्षक कोटे वाली सीटों पर भी किस्मत आजमा रही हैं.