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बिहार: बच्चों के बीच बढ़ता जा रहा वायरल बुखार का प्रकोप, एक्शन में स्वास्थ्य विभाग

इन सभी जिलों में जहां पर वायरल बुखार के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं वहां पर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष मेडिकल टीम भेजी है ताकि स्थिति का जायजा लेकर हालात पर काबू पाया जा सके.

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बिहार में वायरल बुखार का प्रकोप
बिहार में वायरल बुखार का प्रकोप
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में वायरल बुखार का प्रकोप
  • सैकड़ों बच्चों को करना पड़ रहा भर्ती
  • स्वास्थ्य विभाग ने जमीन पर भेजीं टीमें

राजधानी पटना समेत बिहार के तकरीबन आधा दर्जन जिलों में वायरल बुखार का प्रकोप देखने को मिल रहा है जिसकी चपेट में मासूम बच्चे आ रहे हैं. पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, मधुबनी,छपरा और समस्तीपुर में वायरल बुखार का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है जिसको लेकर अब स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया है.

बिहार में वायरल बुखार का प्रकोप

इन सभी जिलों में जहां पर वायरल बुखार के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं वहां पर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष मेडिकल टीम भेजी हैं ताकि स्थिति का जायजा लेकर हालात पर काबू पाया जा सके. स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को भी अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं.

लेकिन इस एक्शन के बावजूद भी जमीन पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. कई ऐसे पीड़ित परिवार हैं जो अपने बच्चों को लेकर कई अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं. किसी को समय रहते डॉक्टर का इलाज मिल रहा है तो कोई दम तोड़ता भी दिख रहा है.

सैकड़ों बच्चों को करना पड़ रहा भर्ती

पटना सिटी इलाके की रहने वाली शोभा देवी के डेढ़ महीने का बच्चा पिछले 2 दिनों से सर्दी और खांसी की वजह से बीमार है. जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे नालंदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया. शोभा देवी ने बताया कि अपने मासूम बच्चे को डॉक्टर से देख जाने के बाद सुकून मिला कि उसके बच्चे की आदत पद ज्यादा गंभीर नहीं है और बहुत जल्द ठीक हो जाएगा. शोभा देवी का बच्चा बिहार के ऐसे सैकड़ों बच्चों में से एक है जो इन दिनों वायरल बुखार की चपेट में है.

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नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि उनके अस्पताल में भी 85 से ज्यादा बच्चे इस वक्त वायरल फीवर के कारण भर्ती हैं जिनका इलाज हो रहा है. उनके मुताबिक ज्यादातर बच्चे वायरल बुखार की चपेट में हैं जो 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है. जिन बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी और वह निमोनिया से ग्रसित हो गए थे उनका कोविड-19 टेस्ट करवाया गया. लेकिन सभी निगेटिव आए हैं. हमारे अस्पताल में बच्चों के बेड की या फिर ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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