बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी आज राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती का कार्यक्रम आयोजन कर रही है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के लिए पार्टी का कोई नेता नहीं मिला है. लिहाजा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कांग्रेस की मदद के लिए सामने आए हैं और वह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए कांग्रेस ने दो दिन पहले आरजेडी सुप्रीमो से संपर्क साधा था, जिसे लालू ने स्वीकार कर लिया. जुलाई में महागठबंधन टूटने के बाद यह पहला मौका होगा, जब आरजेडी और प्रदेश कांग्रेस के नेता एक साथ एक मंच पर नजर आएंगे.
इस कार्यक्रम के जरिए यह संकेत भी दिए जाएंगे कि बिहार कांग्रेस आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन जारी रखने के पक्ष में है और साथ में मिलकर साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है. मालूम हो कि प्रदेश कांग्रेस में लालू यादव के साथ गठबंधन जारी रखने को लेकर संशय की स्थिति है.
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के नेतृत्व वाला गुट नहीं चाहता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आरजेडी के साथ किसी तरीके का तालमेल हो. अशोक चौधरी गुट की मांग है कि 2019 लोकसभा चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़े और पार्टी की इस इच्छा से कई विधायकों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत करा दिया है. मगर पार्टी का दूसरा धड़ा लालू के साथ गठबंधन जारी रखने के पक्ष में है.
इस दूसरे धड़े में अखिलेश प्रसाद सिंह और कौकब कादरी शामिल हैं. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी का कहना है कि लालू प्रसाद के साथ कांग्रेस का स्वभाव गठबंधन है, क्योंकि लालू धर्मनिरपेक्ष ताकतों के एक बड़े नेता हैं. इस कार्यक्रम को आरजेडी और कांग्रेस के एक बड़े शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है, जहां दोनों पार्टियां भविष्य की राजनीति को लेकर आगे का खाका खींच सकती है.