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जहां बिलकुल भगवान जैसे पूजे जाते हैं गांधी...

आम तौर पर लोग अपने आराध्य भगवान की प्रतिदिन पूजा करते हैं, परंतु बिहार के पूर्वी चंपारण में एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके लिए महात्मा गांधी ही भगवान हैं.

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महात्‍मा गांधी
महात्‍मा गांधी

आम तौर पर लोग अपने आराध्य भगवान की प्रतिदिन पूजा करते हैं, परंतु बिहार के पूर्वी चंपारण में एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके लिए महात्मा गांधी ही भगवान हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि माने जाने वाले चंपारण का यह राष्ट्रभक्त महात्मा गांधी को न केवल भगवान मानता है, बल्कि उनकी विधिवत पूजा-अर्चना भी करता है. इसके लिए उन्होंने घर में ही गांधी मंदिर बनवा दिया है.

पूर्वी चंपारण जिला के मुख्यालय मोतिहारी के धर्मसमाज मुहल्ले के रहने वाले बापू के अनन्य भक्त 60 वर्षीय तारकेश्वर प्रसाद के मकान के एक कमरे में गांधी जी की कांस्य प्रतिमा है. इस प्रतिमा की स्थापना विधिवत धार्मिक आयोजन के बाद प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी. इसी प्रतिमा की तारकेश्वर प्रतिदिन पूजा करते हैं और बापू पर आधारित भजन-कीर्तन होता है. यही कारण है कि क्षेत्र में तारकेश्वर की पहचान गांधीभक्त के रूप में हो गई है.

तारकेश्वर ने बताया, 'मेरे पिता स्वर्गीय अच्छेलाल चौधरी गांधीवादी थे. इस कारण यहां गांधी जी का आना-जाना लगा रहता था.' वे कहते हैं कि आखिर भगवान की पूजा तो लोग करते ही हैं. गांधी जी ने भी तो अंग्रेजों से उसी तरह मुक्ति दिलाई है जैसे राम और कृष्ण ने पापियों से मुक्ति दिलाई थी. ऐसे में गांधी जी को भगवान की तरह पूजना गलत नहीं है.

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वे प्रतिदिन गांधी प्रतिमा पर जलाभिषेक कर चंदन लगाकर विधिवत पूजा करते हैं. इस दौरान आरती, हवन, सहित प्रात: भजन और संध्या वंदन करते हैं. पूजा के बाद प्रसाद का भी वितरण किया जाता है. पूजा में आसपास के लोग भी बड़े उत्साह के साथ शरीक होते हैं. राष्ट्रीय पर्व के मौके पर यहां विशेष प्रार्थना और पूजा तथा भजन का आयोजन किया जाता है.

गांधी के जन्मदिन के अवसर पर 2 अक्टूबर को यहां विशेष यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें जिले के सभी गांधीवादियों को आमंत्रित किया जाता है.

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