क्या आपके गले में भी खराश हो रही है? क्या आप भी बढ़ती गर्मी के बीच सर्दी-जुकाम से जूझ रहे हैं? तो आप अकेले नहीं हैं. अचानक से फ्लू के मामलों में तेजी आई है.
ज्यादातर भारतीय इन्फ्लुएंजा से बुरी तरह जूझ रहे हैं और उन्हें ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है, जबकि कुछ मामलों में तो मरीजों को आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है.
डॉक्टरों का मानना है कि फ्लू अब पहले से ज्यादा लंबे समय तक चलने वाला है. क्योंकि मौसम तेजी से बदल रहा है, उत्तर भारत में अचानक से सर्दी गायब हो गई है और खराब एयर क्वालिटी स्थिति और बदतर कर रही है.
खांसी, खांसी और सिर्फ खांसी
मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टर संदीप बुधीराजा ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, इस साल फ्लू के मामले बढ़ गए हैं. इस बार लक्षण भी कुछ अलग हैं और पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर हैं.
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के मुताबिक, ज्यादातर मरीज लगातार खांस रहे हैं या फिर बीच-बीच में अचानक से खांसी आ रही है. ऐसा कई दिनों तक हो रहा है. फ्लू से ठीक होने के कुछ हफ्तों बाद भी.
डॉक्टर संदीप ने बताया कि आमतौर पर उत्तर भारत में फरवरी और मार्च के महीने में फ्लू के मामले नहीं आते थे, लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत अकेला नहीं है, जहां फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं.
पर बढ़ क्यों रहा है फ्लू?
- अचानक से मौसम का बदलना.
- रेस्पिरेटरी वायरस का मौजूद रहना.
- फ्लू वैक्सीनेशन में कमी आना.
कितना खतरा?
फ्लू को इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है. कई बार ये गंभीर भी हो सकता है और इससे मौत भी हो सकती है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे लोग जो अस्थमा, डायबिटीज या किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें ज्यादा खतरा है.
फ्लू होने पर हल्के से लेकर गंभीर लक्षण दिख सकते हैं. फ्लू से संक्रमित होने पर बुखार, कफ, गले में खराश होना, बदन दर्द और थकान जैसी समस्या आ सकती है.
कुछ मामलों में ये गंभीर भी हो सकता है. गंभीर होने पर निमोनिया या ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है. इसके अलावा कानों में इन्फेक्शन भी हो सकता है.
एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल फ्लू की वजह से 2.90 लाख से लेकर 6.50 लाख तक मौतें होतीं हैं.