पैनिक डिसऑर्डर एक तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को कई तरह की भावनाएं महसूस होती है, जैसे बहुत ज्यादा डरना या फिर बैचेनी महसूस करना. पैनिक डिसऑर्डर की वजह से इंसान की धड़कने बढ़ जाती हैं और पसीना आने के साथ शरीर में कंपकंपी महसूस होती है. इसके अलावा पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ भी होती है.
पैनिक डिसऑर्डर के कारण
1. जिन लोगों को शक, गुस्सा और हर बात पर घबराने की आदत होती है. ऐसे लोग अक्सर इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम का शिकार हो जाते हैं.
2. अधिक मात्रा में कैफीन और शराब का सेवन करने से भी पैनिक डिसऑर्डर होता है.
3. खून में शुगर की मात्रा कम होने पर पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण नजर आ सकते हैं.
4. कुछ लोगों को थायराइड ग्लैंड की अत्यधिक सक्रियता और दिल की समस्या होने पर भी पैनिक डिसऑर्डर होता है.
पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण
1. पैनिक डिसऑर्डर यानी पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है.
2. इंसान को घुटन महसूस होने के साथ शरीर में कंपकंपी छूटने लगती है.
3. सांस लेने में तकलीफ होती है.
4. सीने और पेट में तेज दर्द और बैचेनी भी महसूस होती है.
5. अचानक से चक्कर आना और बेहोशी महसूस करना.
6. खुद पर नियंत्रण ना होना और मन में अजीब तरह के ख्याल आना.
7. पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को मरने का डर भी सताता है. .
पैनिक डिसऑर्डर का उपचार
1. पैनिक डिसऑर्डर से निजात पाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें.
2. हेल्दी डाइट लें और कैफीन व शराब का सेवन ना करें.
3. रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें और देर रात तक जागने की आदत छोड़ दें.
4. घबराहट होने पर गहरी सांस लें. इसके अलावा मन में नकारात्मक विचार ना लाएं.
5. अगर लक्षण गंभीर हैं तो तुरंत किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें.