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रोटी खाने से क्या डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

रोटी खाने और डायबिटीज के बीच संबंध पर काफी सारे वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी है.

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रोटी को लोग मुख्य भोजन के रूप में खाते हैं. (Photo: Pixabay)
रोटी को लोग मुख्य भोजन के रूप में खाते हैं. (Photo: Pixabay)

देश के किसी क्षेत्र में चावल अधिक खाया जाता है तो किसी क्षेत्र में रोटी. नॉर्थ इंडिया का अधिकतर हिस्सा रोटी अधिक खाता है हालांकि यहां पर रोटी अलग-अलग तरह की भी खाई जाती हैं. जिन लोगों को ग्लूटेन इनटोलरेंस सी समस्या होती है, उन लोगों को अक्सर गेहूं या गेहूं से बने प्रोडक्ट्स कम खाने की सलाह दी जाती है. हाल ही में एक फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट एकांश जायसवाल ने ऑर्थो सर्जन डॉ.मनु बोरा के साथ पॉडकास्ट किया जिसमें डिस्कशन में बताया कि रोटी खाने से डायबिटीज हो सकती है. उन्होंने क्या दावा किया ये जान लीजिए.

एकांश ने वीडियो में कहा 'रोटी खाना मतलब अपने शरीर में डायबिटीज को न्योता देना. रोटी कोई हेल्दी ऑप्शन नहीं है. ये बॉडी में इंसुलिन स्पाइक करती है. जब आप व्हीट (गेहूं) खाते हो तो आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है. लोग सोचते हैं वे कम रोटी खा रहे हैं लेकिन रोटी शरीर को ऐसा नहीं करने देती क्योंकि एक रोटी खाने के बाद कोई नहीं रुकता और ना आप रुकेंगे. कम से कम 3 से 4 रोटियां तो हर इंसान खा लेता है और उसके साथ दाल, चावल या कैचअप जैसी चीजें भी जुड़ दाकी हैं और यही इंसान के लिए खतरनाक हो जाता है. हम सोचते हैं कि नमकीन चीजों में मिठाई नहीं होतीं लेकिन शरीर के लिए हर चीज शुगर के फॉर्म में ही है. चाहे आप रोटी खाएं या फिर मिठाई. सभी चीजें शरीर में जाकर ग्लूकोज में ही बदलती हैं.'

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क्या कहते हैं डॉक्टर

डॉ. मनु ने कहा, 'हमारे दादा-दादी के जमाने में जो व्हीट उगता था वो नेचुरल था, म्यूटेड नहीं था. उसमें अधिक फाइबर कंटेंट था और वो छोटा होता था. आज का गेहूं हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला और रिफाइंड है जो बॉडी में सूजन बढ़ाता है. अगर आप अपने शरीर की सूजन कम करेंगे तो फैट लॉस अपने आप होगा.'

एक आम मिथक है, 'रोटी खाने से डायबिटीज हो जाती है. लेकिन यह सच नहीं है. रोटी अपने आप में डायबिटीज का कारण नहीं बनती है. आटे की मात्रा, प्रकार और आप इसे किसके साथ खाते हैं, इससे बहुत फर्क पड़ता है. रिफाइंड या अधिक प्रोसेस्ड आटे से बनी नियमित गेहूं की रोटियां रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से वृद्धि कर सकती हैं, खासकर अगर बड़ी मात्रा में या कम फाइबर और प्रोटीन के साथ खाई जाएं.'

'बेहतर तरीका है कि आप अपनी प्लेट को बैलेंस करें. 1-2 रोटियों के साथ खूब सारी सब्जियां, दाल और प्रोटीन जैसे पनीर, दाल या अंडे खाएं.मल्टीग्रेन या हाई फाइबर वाला आटा चुनें (ओट्स, चना या ज्वार का आटा मिलाएं). डायबिटीज इंसुलिन प्रतिरोध, एक्टिविटी की कमी और ओवरऑल डाइट के कारण होता है, किसी एक खाने के कारण नहीं. इसलिए रोटी को दोष न दें. अपनी लाइफस्टाइल सुधारें.'

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एकांश बताते हैं मेरी खुदकी 2 रेसिपीज हैं रोटी की. पहली आलमंड फ्लोर रोटी (Almond Flour Roti) बिल्कुल इंफ्लेमेशन नहीं देती और ये डायबिटिक, ब्लड प्रेशर या PCOS वालों के लिए बेस्ट होती है. इसमें फाइबर और हेल्दी फैट्स दोनों मिलते हैं. इसके अलावा एग-पनीर रोटी (Egg-Paneer Roti) भी खा सकते हैं. इसके लिए 2 अंडे और 100 ग्राम पनीर में ब्लेंड कर लीजिए. फिर उसे ऑमलेट या चीला की तरह बना लें. इसमें फैट और प्रोटीन दोनों हैं. सिर्फ एक रोटी से करीब 10 ग्राम प्रोटीन मिल जाएगा.'

क्या वाकई रोटी से डायबिटीज हो सकती है?

सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रयान फर्नांडो ने सोशल मीडिया पर बकाया था, 'गेहूं की रोटी खुद डायबिटीज नहीं पैदा करती बल्कि पोर्सन साइज, लाइफस्टाइल और एक्टिविटी लेवल ज्यादा अहम हैं. आपको समस्या तब होती है जब लोग बहुत ज्यादा कार्ब लेते हैं और फाइबर या प्रोटीन की मात्रा नहीं एड करते. अगर आप मल्टीग्रेन या मिलेट रोटी खा रहे हैं और साथ में सब्जियां, दालें या प्रोटीन ले रहे हैं, तो यह रोटी भी हेल्दी रहेगी.'

मुंबई की क्लिनिकल डायटिशियन डॉ. माइरा सिंह का कहना है, 'रोटी को पूरी तरह छोड़ना गलत है. गेहूं में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, फाइबर और जरूरी विटामिन्स भी होते हैं लेकिन रिफाइंड आटा या ओवरकुक्ड रोटियां ब्लड शुगर बढ़ा सकती हैं. इसलिए बिना चोकर निकाले हुए आटे से रोटियां बनाएं.'

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