क्या आपको भी रात में लेटते ही पैरों में दर्द होने लगता है? क्या यह दर्द इतना परेशान करता है कि नींद टूट जाती है या आप करवटें बदलते रहते हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. रात में पैरों में दर्द होना एक बहुत आम समस्या है, लेकिन इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. दिनभर आपके पैर शरीर का पूरा भार उठाते हैं, चलते हैं, दौड़ते हैं और लगातार काम करते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जब आप आराम करने लेटें, तब भी वे दर्द करें. अगर सोते समय पैरों में ऐंठन, झुनझुनाहट या दर्द महसूस होता है, तो ये शरीर में किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है. कभी ये दर्द हल्का होता है, तो कभी तेज और कई बार ये नींद में भी खलल डाल देता है. अच्छी बात ये है कि इस दर्द के कारणों को समझकर और कुछ आसान उपाय करके इसे रोका जा सकता है. तो आइए जानते हैं, रात में पैरों के निचले हिस्से में दर्द होने के कारण क्या है और जानें कि आप कैसे इससे राहत और सुकूभरी नींद पा सकते हैं.
1. मसल्स में ऐंठन: रात में अचानक पैरों में खिंचाव या दर्द होना ऐंठन के कारण हो सकता है. ये तब होती है जब मसल्स थकी होती हैं या आप बहुत देर तक एक ही कंडीशन में रहते हैं. पानी की कमी या मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की कमी भी वजह बन सकती है. इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं, बैलेंस डाइट लें और सोने से पहले हल्का स्ट्रेच करें.
2. मसल्स या टेंडन में सूजन: चोट या ओवरवर्क के बाद मसल्स और टेंडन में सूजन आ सकती है. इससे रात में दर्द या अकड़न महसूस होती है. अगर आप इससे राहत पाने के लिए गर्म या ठंडा सेकें और आरामदायक पोजीशन में सोएं. अगर दर्द बढ़े, तो डॉक्टर से सलाह लें.
3. हड्डी में फ्रैक्चर: अगर गिरने या चोट के बाद पैरों में गहरा दर्द है जो आराम करने पर भी नहीं जाता, तो ये फ्रैक्चर हो सकता है. तुरंत डॉक्टर से मिलें और पैर पर ज्यादा दबाव न डालें.
4. खून के थक्के (डीप वेन थ्रोम्बोसिस): लंबे समय तक बैठे या लेटे रहने से खून के थक्के बन सकते हैं. इसकी वजह से एक पैर में दर्द, सूजन और लालिमा आ सकती है. इसके साथ ही पैर गर्म भी हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह गंभीर स्थिति हो सकती है.
5. वैरिकोज वेंस: पैरों में सूजी हुई, नीली नसें और भारीपन वैरिकोज वेंस का संकेत हैं. ये खराब ब्लड फ्लो के कारण होती हैं. इससे निजात पाने के लिए रेगुलर टहलें, पैर ऊपर उठाएं और डॉक्टर की सलाह से कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें.
6. आर्टरी से जुड़ी बीमारी (खराब ब्लड फ्लो): ब्लड सर्कुलेशन कम होने से पिंडलियों में दर्द या ऐंठन हो सकती है. धूम्रपान, मोटापा और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ये ज्यादा होता है. रेगुलर एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट लें. अगर दर्द लगातार रहे तो डॉक्टर से जांच कराएं.
7. नसों में दर्द: नसों में दर्द चुभने या झुनझुनाहट जैसा एहसास होता है, तो ये नसों के दबने या न्यूरोपैथी जैसी बीमारियों से हो सकता है. सोने से पहले हल्का स्ट्रेच या गर्म सेंक करने से राहत मिल सकती है. बार-बार दर्द हो तो डॉक्टर से दिखाएं.
8. प्रेग्नेंसी: प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने से पैरों पर दबाव आता है. इससे दर्द और सूजन हो सकती है. पैरों को ऊपर उठाएं, हल्का स्ट्रेच करें और आरामदायक जूते पहनें.
9. सोने की गलत पोजीशन: अजीब पोजीशन में सोने से मसल्स में खिंचाव और दर्द हो सकता है. घुटनों के नीचे तकिया रखकर सोएं और सोने से पहले पैरों को स्ट्रेच करें. इससे मसल्स रिलैक्स होंगी और दर्द कम होगा.