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दिल्ली की जहरीली हवा और स्क्रीन टाइमिंग से सूख रही हैं आंखें! बढ़े ड्राई आई के मामले, डॉक्टर ने दी चेतावनी

दिवाली के बाद दिल्ली की हवा और स्क्रीन टाइम आंखों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं. डॉ प्रियंका सिंह ने बताया कैसे बढ़ रहे हैं ड्राई आई के मामले और क्या करें आंखों को सुरक्षित रखने के लिए.

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दिल्ली के लोगों में बिगड़ रही है आंखों की सेहत.  (Photo: AI generated)
दिल्ली के लोगों में बिगड़ रही है आंखों की सेहत. (Photo: AI generated)

जैसे-जैसे त्योहार की रोशनी फीकी पड़ती है, वैसे-वैसे दिल्ली पर धुएं की धुंध छा जाती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. शहर की हवा लगातार खराब होती जा रही है. ये सिर्फ फेफड़ों को नहीं, बल्कि आंखों को भी चुपचाप नुकसान पहुंचा रही है. पटाखों के धुएं, धूल और कैमिकल्स का जहरीला मिक्स आंखों में जलन, लालिमा और सूखापन जैसी समस्याएं बढ़ा रहा है. इस समस्या को और बढ़ाने का काम  कर रहा है स्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल. काम, पढ़ाई और एंटरटेनमेंट के लिए लोग घंटों कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी के सामने बिताते हैं. प्रदूषण और स्क्रीन देखने से होने वाली थकान का ये दोहरा असर दिल्ली में रहने वाले लोगों की आंखों की हेल्थ पर बुरा असर डाल रहा है.

नई दिल्ली के नेत्रा आई सेंटर की आई सर्जन डॉ. प्रियंका सिंह बताती हैं कि दिवाली के बाद प्रदूषण और स्क्रीन टाइम बढ़ने से एडल्ट्स और बच्चों दोनों में आंखों का सूखापन (ड्राई आंखों) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

क्यों बढ़ रही है आंखों में सूखेपन की समस्या?
डॉ. सिंह के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में आंखों में जलन, खुजली और लालिमा की शिकायतें बहुत बढ़ गई हैं. वह कहती हैं, 'शहर की एयर क्वालिटी 'खराब' से लेकर 'गंभीर' श्रेणी तक पहुंच गई है. पटाखों का धुआं, धूल और प्रदूषक मिलकर न सिर्फ आंखों बल्कि पूरे शरीर में जलन पैदा कर रहे हैं.'

धुएँ में मौजूद कैमिकल आंसू का प्रोडक्शन कम कर देते हैं, जिससे आंखें ड्राई हो जाती हैं और उनमें खुजली भी होती है. कई लोग आंखों से पानी आना, धुंधली दिखने और बेचैनी की शिकायत कर रहे हैं. ये सभी ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण हैं.

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स्क्रीन टाइमिंग बना रहा बदतर
डॉ. सिंह बताती हैं कि खराब एयर क्वालिटी के साथ-साथ स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल भी आंखों में ड्राईनेस की बड़ी वजह है. वह कहती हैं, 'जब हम लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल देखते हैं, तो कम पलकें झपकाते हैं. इससे आंसू कम बनते हैं और आंखें सूख जाती हैं.'प्रदूषण और स्क्रीन दोनों मिलकर अब बच्चों और युवाओं में भी आंखों की दिक्कतें बढ़ा रहे हैं.

आंखों में सूखेपन को न करें नजरअंदाज
आंखों में सूखापन मामूली लग सकता है, लेकिन डॉ. सिंह ने चेतावनी दी है कि इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है. वह कहती हैं, 'अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो कॉर्निया को नुकसान या आंखों में लगातार थकान जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.' जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, लंबे समय तक ड्राइव करते हैं या जिन्हें एलर्जी की समस्या है, उन्हें ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए.

कैसे करें आंखों की सुरक्षा?

डॉ. सिंह के अनुसार, प्रदूषण के दिनों में अगर कुछ आसान टिप्स को फॉलो करें तो आप अपनी आंखों को हेल्दी रख सकते हैं.

1. जब प्रदूषण ज्यादा हो, खासकर सुबह और शाम के समय, बाहर जाने से बचें.

2. लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें ताकि आंखें नम रहें.

3. धूल और धूप से बचाने के लिए सेफ्टी ग्लासेज या गॉगल्स पहनें.

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4. 20-20-20 रूल अपनाएं. हर 20 मिनट बाद, 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें.

5. पानी खूब पिएं और अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स जैसे अखरोट, चिया सीड्स और मछली शामिल करें.

6. बाहर से घर वापस आने के बाद अपनी आंखों को साफ पानी से धोएं.

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