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पिचक जाएगा मोटा पेट... कानपुर के डॉक्टर ने बताए 5 तरीके, आज से ही अपनाएं

कानपुर के गैस्ट्रोलिवर हॉस्पिटल के डॉ. वी. के. मिश्रा ने 5 लाइफस्टाइल चेंजेस के बारे में बताया है जो तोंद को कम करने में तो मदद करेंगे ही, साथ ही साथ ओवरऑल हेल्थ भी सुधारेंगे.

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डॉ. वी. के. मिश्रा ने 5 लाइफस्टाइल चेंजेस के बारे में बताया है. (Photo: FreePic & Youtube)
डॉ. वी. के. मिश्रा ने 5 लाइफस्टाइल चेंजेस के बारे में बताया है. (Photo: FreePic & Youtube)

तोंद जो होती है, आप समझते हैं कि सिर्फ पेट बड़ा दिखाई दे रहा है, ये सच्चाई नहीं है. आपका जो बेली फैट या तोंद होती है, यह बहुत सारी बीमारियों के लिए इनविटेशन कार्ड है. अगर तोंद अधिक है, पेट बढ़ा हुआ है तो मान के चलिए कि बहुत सारी बीमारियां आपके दरवाजे पर खड़ी हुई हैं जो समय रहते आपके शरीर के अंदर आएंगी. इसलिए जो तोंद है उसको कम करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए. कानपुर के गैस्ट्रोलिवर हॉस्पिटल के डॉ. वी. के. मिश्रा ने 5 लाइफस्टाइल चेंजेस के बारे में बताया है जो तोंद को कम करने में मदद करेंगी.

क्यों तोंद कम करना है जरूरी?

तोंद या बेली फैट होता है उसको कम करना सबसे ज्यादा डिफिकल्ट होता है. इसे बहुत ज्यादा प्रॉब्लमेटिक एरिया माना जाता है. जो तोंद होती है तो आप समझते हैं कि सिर्फ पेट बड़ा दिखाई दे रहा है. ये सच्चाई नहीं है. आपके जो पेट पर फैट होता है वो चमड़ी के नीचे जमा होता है. सबसे इंपॉर्टेंट है कि जो फैट है वो पेट के अंदर के ऑर्गन्स में जमा होता है और लिवर तक पहुंच जाता है.

वहीं आंत की झिल्ली में जो फैट जमा हो जाता है, उसे विसरल फैट कहते हैं. आपको जो भी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही होंगी ये उनके लिए जिम्मेदार माना जाता है. इसलिए इसके इससे छुटकारा तो आपको पाना ही चाहिए. आइए अब 5 चीजें जान लीजिए जिनके बदलाव से तोंद को कम कर सकते हैं.

हाइड्रेटेड रहें

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दिनभर पर्याप्त पानी, डिटॉक्स वॉटर, ग्रीन टी, ब्लैक टी, ब्लैक कॉफी या फ्रूट जूस लें क्योंकि ये वेट लॉस और तोंद को कम करने में मदद करता है. इसका कारण है कि ज्यादा पानी पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आप अनावश्यक स्नैकिंग से बचते हैं. इससे परिणामस्वरूप कैलोरी कम खाते हैं और बेली फैट कम करने में मदद मिलती है.

शुगर वाली चीजें ना खाएं

डॉ. मिश्रा बताते हैं कि शुगरी चीजें जैसे मिठाइयां, गुलाब जामुन, केक, चॉकलेट, कुकीज़, पेस्ट्री, कैंडी, मीठे स्नैक्स से बचें. इनसे बचने का कारण ये है कि ये फूड्स केवल शुगर नहीं, सैचुरेटेड फैट में भी हाई होते हैं. यदि आप इन्हें खाते हैं तो शुगर शरीर में डिपॉजिट होती है लंबे समय तक रहती है. धीरे-धीरे वजन बढ़ाती है और तोंद बढ़ाती है.

प्रोटीन रिच फूड्स खाएं

दालें, ओट्स, ग्रीन वेजिटेबल्स, अंडे (खासकर एग-व्हाइट), बादाम आदि का सेवन करें क्योंकि ये प्रोटीन में हाई होते हैं. प्रोटीन पचने में ज्यादा समय लेता है जिससे पेट ज्यादा देर भरा हुआ महसूस होता है. इससे भूख कम लगती है, ओवर-ईटिंग घटती है, कुल कैलोरी कम जाती है जिससे वजन कम होता है और बेली फैट कम होता है.

नमक/सोडियम कम खाएं

नमक/सोडियम खाने से शरीर में ब्लोटिंग अधिक होती है और ये मेटाबॉलिज़्म भी धीमा करता है जिससे फैट बर्न की प्रोसेस कम हो जाती है. इसलिए रात 8 बजे के बाद भोजन से बचें, जितना जल्दी डिनर करेंगे मेटाबॉलिक प्रोसेस उतना स्मूद रहेगा.

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होल ग्रेन्स खाएं, प्रोसेस्ड फूड से बचें

होल ग्रेन्स जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, गेहूं का सेवन बढ़ाएं क्योंकि इनमें सॉल्युबल फाइबर, इनसॉल्युबल फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स होते हैं जो वेट लॉस की प्रोसेस को आसान बढ़ाते हैं. रिफाइंड ग्रेन्स वाली चीजें जैसे मैदा, ब्रेड, बिस्किट, रिफाइंड प्रोडक्ट से बचें.

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