
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान हो चुके हैं, अब 4 जून को चुनावी नतीजे आने हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. वायरल वीडियो में मोदी और अमित शाह अपने समर्थकों के साथ जिलाधिकारी वाराणसी के कार्यालय से बाहर निकलते दिखाई देते हैं. लोगों का हुजूम उनका अभिनंदन करते दिखाई देता है.
वायरल वीडियो में कुछ लोग कथित तौर पर आपत्तिजनक नारेबाजी करते भी सुनाई देते हैं. इसे शेयर करने वालों की मानें तो जब पीएम मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर जिलाधिकारी कार्यालय से बाहर निकल रहे थे, तब लोगों ने उनका 'मुर्दाबाद' के नारों से स्वागत किया. ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है. वीडियो में आपत्तिजनक नारेबाजी का ऑडियो अलग से जोड़ा गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर ये वीडियो मिला, जिसे यहां 14 मई 2024 को पोस्ट किया गया था. बता दें कि 14 मई को ही पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था. हालांकि स्मृति ईरानी के पोस्ट में अलग से “कंधों से मिलते हैं कंधे” गाने का ऑडियो जोड़ा गया है.
इतना तो यहीं साफ हो गया कि ये वीडियो पीएम मोदी के नामांकन के बाद हुई रैली का ही है. इस जानकारी की मदद से जब हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें वायरल वीडियो पीएम नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 14 मई को शेयर किया हुआ मिला. वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि ये वीडियो उस वक्त का है जब मोदी नामांकन भरने के बाद जिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर निकल रहे थे. कार्यालय के बाहर शक्ति प्रदर्शन हुआ था जिसमें बीजेपी और एनडीए के कई दलों के नेता भी मौजूद थे. इस वीडियो में असल में ‘मोदी-मोदी’ और ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे सुनाई दे रहे हैं.
वायरल वीडियो में सुनाई दे रहे नारों की पुष्टि के लिए हमने आजतक संवाददाता रोशन जायसवाल से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि पीएम मोदी के नामांकन के वक्त वो घटनास्थल पर मौजूद थे और उस समय ऐसे कोई भी आपत्तिजनक नारे नहीं लगे थे.
पीएम मोदी के नामांकन दाखिल करके बाहर निकलने और उनके शक्ति प्रदर्शन की पूरी वीडियो रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है. इसमें भी हमें वायरल वीडियो वाली कोई आपत्तिजनक नारेबाजी सुनाई नहीं दी.
क्या है ऑडियो की सच्चाई?
जब हमने वायरल वीडियो वाले ऑडियो की पड़ताल की तो ये हमें कई नेताओं के पुराने वीडियो में मिला. मिसाल के तौर पर, ये ऑडियो योगी की 2020 के एक वीडियो में भी मिला. आजतक इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता है कि योगी के खिलाफ ये आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे या नहीं.
इतना तो साफ है कि नरेंद्र मोदी के नामांकन के बाद हुए एनडीए के शक्ति प्रदर्शन में ये आपत्तिजनक नारेबाजी नहीं हुई थी. लोगों को भ्रमित करने के लिए वीडियो में ये ‘मुर्दाबाद’ के नारे अलग से जोड़े गए हैं.