अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नजदीक है और इससे जुड़ी तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इन तैयारियों के बीच लाइटों से जगमगाती किसी इमारत का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे शेयर करने वालों की मानें तो ये अयोध्या के राम मंदिर का वीडियो है, जो लाइटिंग का काम पूरा होने के बाद भव्य अंदाज में झिलमिला रहा है.

वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'अयोध्या राम मंदिर में विद्युत कार्य पूर्ण. अलौकिक जगमगाहट. जय श्री राम.'
आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो राम मंदिर का नहीं है. ये इसी साल कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान लगाया गया एक सुसज्जित पंडाल है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इससे मिलती-जुलती तस्वीरें अक्टूबर की कई मीडिया रिपोर्ट्स में मिलीं. 16 अक्टूबर, 2024 को “प्रभात खबर” में छपी एक रिपोर्ट में इसे कोलकाता के सियालदह में सजा दुर्गा पंडाल बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर की तर्ज पर बने इस पंडाल का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह ने किया था.
'दि वायर' की रिपोर्ट में भी इसे कोलकाता का दुर्गा पंडाल बताया गया है. ये पंडाल 'संतोष मित्र स्क्वायर सर्बोजोनिन दुर्गोत्सव समिति, कोलकाता' ने बनवाया था, जिसके अध्यक्ष कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के बीजेपी पार्षद सजल घोष हैं.
हमें 'नवभारत टाइम्स' की रिपोर्ट में इस भव्य पंडाल की कई तस्वीरें भी मिलीं. इसमें बताया गया है कि इस साल (2023 में) ये पंडाल राम मंदिर की तर्ज पर बनाया गया था और इसमें 3डी लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया था.
इस पंडाल के वीडियो हमें 'आजतक' और 'जी न्यूज' की रिपोर्ट्स में भी मिले.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी 16 अक्टूबर को इस पंडाल के बारे में एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, 'आज पश्चिम बंगाल के सियालदह में एक दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला. अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तरह आकर्षक तरीके से बनाया गया यह पंडाल अपनी भव्यता से किसी को भी अचंभित कर सकता है. दुर्गा पूजा का मतलब बुराई पर अच्छाई की जीत है. मां दुर्गा हमें उस बुराई को हराने की शक्ति प्रदान करें जो हमारे समाज पर अंधकार फैलाती है और इस तरह समृद्धि और खुशहाली से समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करेगी.'
साफ है, कोलकाता के सियालदह में इस साल राम मंदिर की तर्ज पर बने दुर्गा पंडाल के एक वीडियो को शेयर कर इसे राम मंदिर का वीडियो बताकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.