किसी ग्रामीण इलाके में दौड़ते पांच भालुओं का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले जामवंत की सेना अयोध्या पहुंच गई है. गौरतलब है कि जामवंत नामक भालू को रामायण का एक प्रमुख किरदार माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जामवंत, भगवान राम की सेना के सेनापति थे और जब हनुमान अपनी शक्तियों को भूल गए थे, तो जामवंत ने ही उन्हें इन शक्तियों की याद दिलाई थी.
एक फेसबुक यूजर ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “कोई चमत्कार अथवा प्रभु दर्शन के लिए. भालूओ का झुंड पहुंचा अयोध्या भालू अपने 4 शावकों के साथ आए अयोध्या. जय श्री राम.” इस वीडियो में राम भजन भी बज रहा है.”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो अयोध्या का नहीं, मध्य प्रदेश के शहडोल का है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने देखा कि वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कई लोग लिख रहे हैं कि ये वीडियो मध्य प्रदेश के शहडोल का है.
इस जानकारी की मदद से खोजबीन करने पर हमें ‘नवभारत टाइम्स’ की 5 जनवरी, 2024 की एक रिपोर्ट मिली. यहां बताया गया है कि ये घटना शहडोल के जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र से लगे बनसुकली गांव की है. यहां जब कुछ ग्रामीणों ने एक मादा भालू को 4 शावकों के साथ घूमते देखा तो वो डर गए. उनके खदेड़ने पर भालू जंगल की तरफ चले गए.
खबर में लिखा है कि उमरिया के बांधवगढ़ नेशनल पार्क और सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व, शहडोल जिले के काफी करीब हैं. इस वजह से अक्सर बाघ, तेंदुआ और भालू जैसे जंगली जानवर खाने की तलाश में आबादी वाले क्षेत्र में आ जाते हैं.
इस घटना के बारे में ‘दैनिक भास्कर’ , ‘अमर उजाला’ और ‘पत्रिका’ ने भी खबरें छापी थीं.
हमने इस बारे में वन विभाग, जयसिंहनगर परिक्षेत्र के एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर से बात की. उन्होंने ‘आजतक’ को बताया कि बनसुकली गांव के महुआर टोले के एक मोबाइल टावर में मधुमक्खियों के छत्ते लगे हैं. एक मादा भालू अपने शावकों के साथ कई दिनों से यहां आकर ये शहद खाती थी. भालू का यह परिवार भोर होने से पहले ही वापस चला जाता था, लेकिन एक दिन उन्हें लौटने में देर हो गई और ग्रामीणों ने उन्हें देख लिया. ये वीडियो उसी दिन का है. भालू के मूवमेंट पर वन विभाग की नजर थी. वन विभाग ने अब उस मार्ग पर विशेष तरह के ट्रैप कैमरे लगा दिए हैं जो जरा-सी भी हलचल होने पर एक्टिवेट हो जाते हैं.
साफ है, मध्य प्रदेश के एक वीडियो को अयोध्या का बताकर पेश किया जा रहा है.
(इनपुट: रावेंद्र शुक्ला)