
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी 2021 को कोलकाता गए थे. उसी दौरे के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल होने लगी जिसमें पीएम मोदी मंच पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के पैर छूते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि इस तस्वीर को 23 जनवरी 2021 को लिया गया जब पीएम मोदी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर और बॉडी गार्ड रहे "श्री निजामुद्दीनजी" के चरण स्पर्श किए थे. साथ ही, ये भी कहा जा रहा है कि निजामुद्दीन इतिहास के पन्नों में खो गए थे और बेहद गरीबी में जी रहे थे. निजामुद्दीन की खोज करके उन्हें सम्मान दिया गया और बुढ़ापे की सारी जरूरतें पूरी की गईं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से सही नहीं है. तस्वीर में दिख रहे बुजुर्ग व्यक्ति नेताजी के ड्राइवर कहे जाने वाले निजामुद्दीन ही हैं लेकिन ये तस्वीर मई 2014 की है, अभी की नहीं. निजामुद्दीन का निधन 2017 में ही हो चुका है.
इस तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं " विनम्रता : यह तसवीर 23 जनवरी 2021 की है. श्री निजामुद्दीनजी के चरण स्पर्श करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. निजामुद्दीनजी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर तथा बॉडी गार्ड थे. इतिहास के पन्नों में खोया यह शख्स. बेहद गरीबी में जी रहा था. आज उनकी खोज करके उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया. उनकी बुढ़ापे की सारी जरूरतों की पूर्ति की गई. इस मौके पर निजामुद्दीन जी के शब्द बहुत ही हृदयस्पर्शी थे "मेरी खोज करके यह इज्ज़त देना, एक देशभक्त इन्सान ही यह कर सकता है"".
इस कैप्शन के साथ ये तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर हो रही है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता की सच्चाई?
तस्वीर को रिवर्स करने पर हमें इसको लेकर कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिली. 9 मई 2014 को प्रकाशित हुई 'FirstPost' की एक रिपोर्ट में इस तस्वीर को देखा जा सकता है. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक तस्वीर उस समय खींची गई थी जब वाराणसी में एक चुनाव रैली के दौरान मंच पर मोदी ने निजामुद्दीन के पैर छू कर उन्हें सम्मानित किया था. निजामुद्दीन को "कर्नल निजामुद्दीन के नाम से भी जाना जाता है. निजामुद्दीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य थे. खबरों के मुताबिक नेताजी के करीबी माने जाने वाले निजामुद्दीन उनके गार्ड और ड्राइवर थे.
बीबीसी की एक खबरके अनुसार निजामुद्दीन की मृत्यु आजमगढ़ के मुबारकपुर में फरवरी 2017 में हुई थी और उस समय उनकी उम्र 117 वर्ष थी. उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी वायरल तस्वीर को ट्वीट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
Tributes to Subhas Babu's close associate, Colonel Nizamuddin. I recall my meeting with him. His demise is saddening. pic.twitter.com/9MxaIJuaAF
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2017
वायरल दावे के मुताबिक निजामुद्दीन ने मोदी के लिए कहा था कि उनकी खोज करके इज्जत देने का काम एक देशभक्त ही कर सकता है. इस दावे की हम पुष्टि नहीं कर सकते क्योंकि इसको लेकर हमें कोई खबर नहीं मिली. हालांकि, बीबीसी की ही एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार निजामुद्दीन ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि "सिर्फ़ मोदी ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस बन सकता है". अगर बात करें निजामुद्दीन की गरीबी वाले दावे की तो 2012 में अमर उजाला ने इस पर एक खबर प्रकाशित की थी. खबर में बताया गया था कि कैसे सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर बदहाली, मुफलिसी के दौर से गुजर रहे हैं.
यहां कहा जा सकता है कि ये तस्वीर अभी की नहीं बल्कि लगभग सात साल पुरानी है और गलत जानकारी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है. हालांकि पोस्ट में लिखी कुछ बातें सही भी हैं.