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फैक्ट चेक: अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद की ट्रेन वाली इन तस्वीरों की तुलना करना गलत है

इन तस्वीरों के जरिये ये बताने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति रहते हुए दोनों ने ट्रेन से सफर किया, लेकिन कोविंद ने विशेष सुविधाओं से लैस ट्रेन में सवारी की, वहीं अपनी सादगी के लिए मशहूर कलाम ने एक साधारण ट्रेन से सफर किया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विशेष ट्रेन से सफर किया, जबकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति रहते हुए एक साधारण ट्रेन से सफर किया था.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
अब्दुल कलाम की ये तस्वीर साल 2010 में ली गई थी और उस समय कलाम देश के राष्ट्रपति नहीं थे. इसके साथ ही, कलाम जब राष्ट्रपति थे तो उन्होंने भी विशेष ट्रेन या "प्रेसिडेंशियल सलून" की सुविधा के साथ कुछ एक बार यात्राएं की ​थीं.

बीते दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक खास ट्रेन से यात्रा करके दिल्ली से कानपुर पहुंचे. रामनाथ कोविंद की ये यात्रा काफी सुर्खियों में रही क्योंकि भारत में राष्ट्रपति आमतौर पर ट्रेन में सफर नहीं करते. अब इसी के बाद से सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति कोविंद और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरों के बीच तुलना की जा रही है. एक तस्वीर में कोविंद को एक विशेष ट्रेन के गेट पर लगे रैंप से उतरते हुए देखा जा सकता है, वहीं दूसरी तस्वीर में अब्दुल कलाम एक साधारण भारतीय ट्रेन के गेट पर खड़े नजर आ रहे हैं.

इन तस्वीरों के जरिये ये बताने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति रहते हुए दोनों ने ट्रेन से सफर किया, लेकिन कोविंद ने विशेष सुविधाओं से लैस ट्रेन में सवारी की, वहीं अपनी सादगी के लिए मशहूर कलाम ने एक साधारण ट्रेन से सफर किया. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए यूजर्स अलग-अलग कैप्शन लिख रहे हैं. एक व्यक्ति ने कैप्शन में लिखा है, "आप राष्ट्रपति बन सकते हैं लेकिन 'कलाम' नहीं......". ये पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल हो रही है.

क्या है सच्चाई?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. अब्दुल कलाम वाली तस्वीर साल 2010 में ली गई थी और उस समय कलाम देश के राष्ट्रपति नहीं थे. इसके साथ ही, कलाम जब राष्ट्रपति थे तो उन्होंने भी विशेष ट्रेन या "प्रेसिडेंशियल सलून" की सुविधा के साथ कुछ एक बार यात्राएं की ​थीं. इसकी तस्वीरें इंटरनेट पर मौजूद हैं.

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कैसी की पड़ताल?

कलाम वाली तस्वीर को रिवर्स करने पर हमें "द न्यू इंडियन एक्सप्रेस" की एक खबर मिली जिसमें ये तस्वीर आखिर में देखी जा सकती है. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इस तस्वीर को ओडिशा के राउरकेला में साल 2010 में लिया गया था जब अब्दुल कलाम यहां ट्रेन से सफर करके पहुंचे थे.

कलाम के करीबी और लेखक सृजन पाल सिंह ने भी इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर किया था. सृजन ने बताया था कि तस्वीर उस समय की है जब कलाम की फ्लाइट खराब मौसम के कारण रद्द हो गई थी और वो भुवनेश्वर से राउरकेला ट्रेन से पहुंचे थे. द टाइम्स ऑफ इंडिया" की एक रिपोर्ट में भी कलाम की इस ट्रेन यात्रा का जिक्र है.  

इस तरह ये साबित हो जाता है कि ये तस्वीर 2010 की है और उस समय डॉ कलाम राष्ट्रपति के पद पर नहीं थे. डॉ कलाम साल 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति थे. हालांकि, ये बात सच है कि डॉ कलाम की सादगी काफी मशहूर है और इसके किस्से इंटरनेट पर मौजूद हैं.

बता दें कि पोस्ट में मौजूद राष्ट्रपति कोविंद की तस्वीर 28 जून की है जब वे कानपुर से ट्रेन से यात्रा करके लखनऊ के चारबाग स्टेशन पहुंचे थे.

राष्ट्रपति रहते हुए कलाम ने भी की थी विशेष ट्रेन की सवारी

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खोजने पर हमें अब्दुल कलाम की भी कुछ तस्वीरें मिलीं जिसमें वे विशेष ट्रेन या "प्रेसिडेंशियल सलून" के गेट पर देखें जा सकते हैं. ये तस्वीरें अलग-अलग रेलवे स्टेशन की और अलग-अलग साल की हैं, जब डॉ कलाम ने विशेष ट्रेन का इस्तेमाल किया था. ये तस्वीरें हमें

"टाइम्स नाउ" की एक खबरराष्ट्रपति भवन की वेबसाइट और स्टॉक इमेज वेबसाइट Alamy पर मिलीं. रामनाथ कोविंद से पहले खास ट्रेन में सफर करने वाले राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ही थे.

25 जून को राष्ट्रपति भवन आर्काइव के ट्विटर अकाउंट से भी एक ट्वीट किया गया था. इस ट्वीट में कुछ तस्वीरों के साथ कलाम सहित भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की विशेष ट्रेन से की गई यात्रा के बारे में बताया गया था.

यहां ये जानना भी जरूरी है कि कोविंद से पहले डॉ कलाम और कुछ अन्य राष्ट्रपतियों ने यात्रा के लिए दो कोच वाले "प्रेसिडेंशियल सलून" का इस्तेमाल किया था. न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, रख-रखाव में खर्चे और कुछ अन्य कारणों की वजह से अगस्त 2019 में राष्ट्रपति कोविंद के निर्देश पर "प्रेसिडेंशियल सलून" को उपयोग में लेना बंद कर दिया गया था. कोविंद की हाल ही में हुई यात्रा एक विशेष प्रेसिडेंशियल ट्रेन में हुई थी जिसमें लग्जरी महाराजा एक्सप्रेस के जैसे डब्बे थे. "हिन्दुस्तान टाइम्स" की एक रिपोर्ट के अनुसार, 14 डिब्बों वाली इस ट्रेन में एक बुलेट प्रूफ प्रेजिडेंशियल सूइट है. ट्रेन में लिविंग एरिया, सोफा, वाईफाई जैसी कई सुविधाएं दी जाती हैं. कुछ खबरों में ये बात भी कही गई है कि इस ट्रेन में पर्यटक भी सफर कर सकते हैंइस ट्रेन के अंदर की कुछ तस्वीरें हाल ही में यूपी सरकार में मंत्री सतीश महाना ने शेयर की थी. 'हिंदुस्तान' की इस खबर में इन तस्वीरों को देखा जा सकता है.

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यहां हमारी पड़ताल में ये स्पष्ट हो जाता है कि सोशल मीडिया पर कलाम और कोविंद की जिन तस्वीरों के जरिये तुलना की जा रही है वो सही नहीं है. डॉ कलाम की ये तस्वीर उस समय की है जब वे राष्ट्रपति नहीं थे और राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने भी विशेष ट्रेन या प्रेसिडेंशियल सलून में यात्रा की थी.

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