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फैक्ट चेक: उरी हमलों के विरोध में हुए प्रदर्शन को बताया जा रहा यूपी के 34 मुस्लिम परिवारों की ‘घर-वापसी’

हमने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये साल 2016 की फोटो है जब यूपी के मथुरा में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर उरी आतंकी हमलों के विरोध में नारे लगाए थे.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर यूपी की है जहां 34 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की.
किसने किया दावा- सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये यूपी के मथुरा की फोटो है. 2016 में वहां की एक मस्जिद में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के लोगों ने उरी आतंकी हमलों के विरोध में नारे लगाए थे.

क्या वसीम रिजवी के हिंदू धर्म अपनाने के बाद यूपी के 34 मुस्लिम परिवारों ने भी धर्मांतरण कर लिया है? सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के जरिये कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा है.  

दरअसल, ‘उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड’ के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी हाल ही में इस्लाम धर्म छोड़कर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी यानी हिन्दू बन गए थे.

इस खबर के चर्चा में आने के बाद से ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. फोटो में मुस्लिम वेशभूषा वाले कई लोगों के बीच भगवा वस्त्रों में एक व्यक्ति नजर आ रहा है.

इस फोटो को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि वसीम रिजवी के सनातम धर्म में वापसी के बाद अब मुसलमानों के दिल से डर खत्म हो रहा है. और, हाल ही में यूपी के 34 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की.

फेसबुक पर ये दावा काफी वायरल है.

फेसबुक दावा
 
हमने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये साल 2016 की फोटो है जब यूपी के मथुरा में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर उरी आतंकी हमलों के विरोध में नारे लगाए थे. तस्वीर में भगवा कपड़ों में नजर आ रहे महामंडलेश्वर नवल गिरि ने खुद ‘आजतक’ से इस बात की पुष्टि की है.
 
कैसे पता लगाई सच्चाई?

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रिवर्स सर्च करने पर हमें ये फोटो ‘अमर उजाला’ की 24 सितंबर, 2016 की एक रिपोर्ट  में मिली. ये बात यहीं साफ हो जाती है कि ये तस्वीर काफी पुरानी है.

वायरल पोस्ट

‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट  के मुताबिक, ये फोटो मथुरा दरवाजा स्थित शाही जामा मस्जिद की है जहां जम्मू कश्मीर के उरी आतंकी हमलों के विरोध में प्रदर्शन किया गया था.

इस प्रदर्शन में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के लोग शामिल हुए थे. इस दौरान ‘भारत माता की जय’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारे भी लगाए गए थे. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि ये पहल शाही जामा मस्जिद के इमाम मुहम्मद उमर कादरी और महामंडलेश्वर नवल गिरि की थी.

हमें इस तस्वीर से संबंधित एक वीडियो भी मिला जिसमें ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के नारे लगाए जा रहे हैं. इस बारे में पुख्ता जानकारी पाने के लिए हमने महामंडलेश्वर नवल गिरि से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल फोटो में भगवा कपड़ों में दिख रहे शख्स वही हैं और ये घटना 2016 की है. धर्मांतरण से इस तस्वीर का कुछ लेना-देना नहीं है. वो कहते हैं, “हमें पता लगा था कि कुछ लोग इस फोटो को गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं. हम उन लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.”

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18 सितंबर, 2016 को आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के उरी स्थित आर्मी कैंप पर हमला  कर दिया था. इस घटना में 19 जवान शहीद हुए थे और कई लोग घायल हो गए थे.

हालांकि ये बात सच है कि पिछले महीने यूपी के मुजफ्फरनगर में रहने वाले 15 मुस्लिमों के हिंदू धर्म अपनाने की खबर आई थी.
 
पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि पांच साल पुरानी फोटो को 34 मुस्लिम परिवारों की सनातन धर्म में वापसी के गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

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