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फैक्ट चेक: चीन में कोरोना मरीज को पकड़ने का मॉक ड्रिल असल घटना बता कर वायरल

चीन के बाद विश्व के ज्यादातर हिस्सों में फैले कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक चेकपोस्ट पर कुछ पुलिसकर्मी एक कार ड्राइवर को रोक कर उसे चेक करते हैं और फिर उसे कार से निकलने को कहते हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
चीन में हाईवे पर कोरोना वायरस के मरीज को पकड़ती पुलिस.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वायरल वीडियो चीन में कोरोना वायरस के मरीजों को पकड़ने के लिए हुई एक मॉक ड्रिल का है.

चीन के बाद विश्व के ज्यादातर हिस्सों में फैले कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक चेकपोस्ट पर कुछ पुलिसकर्मी एक कार ड्राइवर को रोक कर उसे चेक करते हैं और फिर उसे कार से निकलने को कहते हैं.

कार से निकलकर ड्राइवर वहां से भागने की कोशिश करता है, जिसके बाद वहां मौजूद बाकी SWAT टीम उसे नेट की मदद से पकड़ लेती है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो चीन का है जहां हाईवे पर कोरोना वायरस के मरीजों को इस तरह से पकड़ा जा रहा है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो चीन के हेनान प्रांत का है. यह असल में मॉक ड्रिल का वीडियो है, जिसमें SWAT टीम को सहयोग न करने वाले कोरोना वायरस के मरीजों को पकड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक यूजर "Kunal Singh" ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "देखिए चीन में हाईवे पर कोरोना वायरस के मरीज कैसे पकड़े जाते हैं." यह वीडियो फेसबुक पर काफी वायरल है. हमने जब वायरल वीडियो को ध्यान से देखा तो हमें 1 मिनट 21 सेकंड पर दो पुलिसकर्मी "Exercises " लिखा बैनर पकड़े नजर आए.

इसके बाद हमने इंटरनेट पर "coronavirus china SWAT exercise" लिख कर सर्च किया तो हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिल गईं. इसके अनुसार 21 फरवरी को चीन के हेनान प्रांत में टॉन्गबाई काउंटी अथॉरिटीज ने सहयोग न करने वाले कोरोनावायरस के संभावित मरीज को पकड़ने की मॉक ड्रिल ट्रेनिंग की थी.

हमें "द टेलिग्राफ" के यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो मिला, जिसमें इस मॉक ड्रिल के बारे में बताया गया है.

चीन में सहयोग न करने वाले कोरोना वायरस के मरीजों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आ रही है, लेकिन वायरल हो रहा वीडियो एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. हाल ही में फैक्ट चेक वेबसाइट altnews ने भी इस दावे का सच सामने रखा है.

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