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फैक्ट चेक: जोधपुर में रिश्तेदारों के बीच चले लाठी डंडे, वीडियो सांप्रदायिक रंग के साथ हुआ वायरल

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो राजस्थान के जोधपुर का है, जहां 19 सितंबर को दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी. दोनों पक्ष एक ही परिवार से जुड़े हैं और हिंदू हैं. मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में मार पिटाई करते दिख रहे लोग मुस्लिम समुदाय से हैं जिनको राजस्थान में कोई डर नहीं क्योंकि वहां कांग्रेस सरकार है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो राजस्थान के जोधपुर का है जहां 19 सितंबर को दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी. दोनों पक्ष एक ही परिवार से जुड़े हैं और हिंदू हैं.

सोशल मीडिया पर एक शख्स के साथ मार पीट का एक विचलित कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे राजस्थान का बताया गया है. कहा जा रहा है कि वीडियो में पिटाई करते दिख रहे लोग मुस्लिम समुदाय से हैं और इन्हें राजस्थान में कोई डर नहीं है, क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है.

वीडियो में सड़क पर एक खून से लथपथ शख्स को देखा जा सकता है, जिसे कुछ लोग लाठी डंडो से बुरी तरह पीट रहे हैं. एक आदमी तो सड़क पर बैठी एक बुजुर्ग महिला पर भी लाठी चला रहा है. वीडियो में कुछ और लोग गाली-गलौज करते और झगड़ते दिख रहे हैं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो राजस्थान के जोधपुर का है, जहां 19 सितंबर को दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी. दोनों पक्ष एक ही परिवार से जुड़े हैं और हिंदू हैं. मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

वीडियो के कैप्शन में लिखा है "मुल्लों को कोई डर नहीं क्योंकि राजस्थान में इनकी कांग्रेस सरकार है जय हो गहलोत अभी तक 5 दिन हो गए एक भी गिरफ़्तारी नहीं क्योंकि मारने वाले मुस्लिम हैं. इसी कैप्शन के साथ वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर घूम रहा है.

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कैसे पता की सच्चाई?

कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर सामने आया कि इस वीडियो को बीजेपी राजस्थान के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया है. ट्वीट में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि उनके गृह जिले की कानून व्यवस्था का ये हाल है. अशोक गहलोत का गृह जिला जोधपुर है.

इसके बाद हमें वीडियो का एक फ्रेम "नवभारत टाइम्स" की एक रिपोर्ट में मिला जिसमें मामले के बारे में जानकारी दी गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो जोधपुर की महामंदिर खटीक कॉलोनी का है जहां बीते रविवार को मारपीट हुई थी.

खबर में बताया गया है कि घटना से पूर्व रात्रि जागरण के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया था. विवाद के चलते अगले दिन एक युवक ने धारदार हथियार से दूसरे पक्ष की महिलाओं और अन्य लोगों पर हमला कर दिया. हमले में एक युवक और महिला घायल हो गए. दोनों पक्ष रिश्तेदार हैं और आसपास रहते हैं.

मामले को लेकर 'पत्रिका' ने भी एक खबर प्रकाशित की है जिसमें आरोपी और पीड़ित पक्ष के लोगों का नाम दिया गया है. खबर के मुताबिक, आरोपियों के नाम मनोहरलाल खटीक, रविंद्र खटीक, भरत, विशाल, विकास, संतोष, देवीलाल, घनश्याम, पुखराज और भवानी हैं.

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जानकारी की पुष्टि करने के लिए हमने महामंदिर थाने के एसएचओ लेखराज सिहाग से बात की. लेखराज ने यह बात साफ कर दी कि इस मामले में कोई मुस्लिम एंगल नहीं है. आरोपी और पीड़ित पक्ष हिंदू हैं और खटीक समुदाय के हैं.

लेखराज का कहना था कि मामला एक ही परिवार के दो गुटों के बीच का था. घटना के एक दिन पहले रात को जागरण में आरोपी पक्ष ने पीड़ित पक्ष के लोगों को बुलाया नहीं था. इसी को लेकर दोनों में कहासुनी सुनी हो गई और बात मार पिटाई तक पहुंच गई. लेखराज के अनुसार, पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें से छह की गिरफ्तारी हो चुकी है. वीडियो की शुरुआत में जमीन पर जिस आदमी को बेसुध होकर लेटे देखा जा सकता है उसका नाम कमलेश है और वह गंभीर होने के चलते आईसीयू में भर्ती है.

यहां स्पष्ट हो जाता है कि पोस्ट में किया गया दावा झूठा है. हिंदुओं के बीच हुई मारपीट के वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर भ्रम फैलाया जा रहा है.


 

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