
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक कथित फर्जी आईएफएस ज्योति मिश्रा की कहानी को लेकर जो हंगामा मचा हुआ है, उसकी भनक आपको भी लग ही चुकी होगी. आरोप है कि सुरेश मिश्रा की बेटी ज्योति ‘मिश्रा’ ने अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट से यूपीएससी की परीक्षा पास की.
दरअसल, ट्रेनी आईपीएस पूजा खेडकर को लेकर उठे विवाद के बाद, कई लोगों पर फर्जी जाति या दिव्यांगता प्रमाण पत्र के दम पर आईएएस और आईपीएस बनने के आरोप लग रहे हैं. ज्योति मिश्रा वाला मामला भी इसी संदर्भ में वायरल हो रहा है.
ज्योति मिश्रा पर गलत तरीके से यूपीएससी की परीक्षा पास करने का आरोप लगाने वाले सबूत के तौर पर किसी सम्मान समारोह का एक वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें एक लडकी, स्टेज पर माइक से कहती दिखती हैं- "नमस्कार, मैं ज्योति मिश्रा." लेकिन, इस वीडियो के साथ एक लिस्ट भी शेयर हो रही है, जिसमें ज्योति नाम के आगे "एससी" लिखा हुआ है. इस लिस्ट में ऊपर लिखा है- 'सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2021- सर्विस एलोकेशन'.
विवाद बढ़ा तो ज्योति मिश्रा के नाम से बने एक एक्स हैंडल से इस बारे में स्पष्टीकरण सामने आया, जिसमें लिखा है कि वायरल हो रही लिस्ट में जिस ज्योति का नाम है, वो दरअसल एक दूसरी लड़की है जो हरियाणा से है और वो आईएएस है. साथ ही, ये भी लिखा है कि उन्होंने (ज्योति मिश्रा ने) सामान्य श्रेणी से ही यूपीएससी की परीक्षा पास की है. पोस्ट के मुताबिक, उनका चयन आईएएस नहीं, बल्कि आईएफएस यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज में हुआ था और उनका नाम एक दूसरी लिस्ट में आया था. ये पोस्ट अब डिलीट हो चुकी है.
इतना ही नहीं, ज्योति के बचाव में कुछ और लोग भी उतर आए और कहने लगे कि ये एक ब्राह्मण लड़की को बदनाम करने की साजिश है. महेंद्र विक्रम नाम के शख्स ने एक लिस्ट शेयर की, जिसमें ज्योति मिश्रा के नाम के आगे 'जनरल' लिखा हुआ है. उन्होंने दावा किया कि ये लिस्ट ज्योति मिश्रा के पिता यानी सुरेश मिश्रा ने उन्हें भेजी है.

इसके अलावा, महेंद्र ने, ज्योति मिश्रा की तरफ से एक और स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें लिखा है कि ज्योति रायबरेली की रहने वाली हैं. वो इंडियन फॉरेन सर्विस की अधिकारी हैं और फिलहाल प्रोबेशन पर स्पेन की राजधानी मैड्रिड में बतौर थर्ड सेक्रेटरी पोस्टेड हैं.
कुछ न्यूज वेबसाइट्स ने भी ने भी इस स्पष्टीकरण के आधार पर खबरें छाप दीं.
लेकिन इस पूरे मामले की हकीकत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. असलियत ये है कि ज्योति मिश्रा ने कभी यूपीएससी की परीक्षा पास की ही नहीं. उन्होंने साल 2022 में अपने परिवार से झूठ बोला था कि आईएएस की परीक्षा में उनका सेलेक्शन हो गया है. लेकिन बाद में ये झूठ मीडिया में खबरें छपने के बाद इतना फैल गया कि इसे छुपाने के लिए वो और झूठ बोलती चली गईं. ज्योति ने खुद आजतक को ये बात बताई है.
तो आइए, शुरू से जानते हैं, कि उन्होंने ऐसा क्यों और किन परिस्थितियों में किया.
2022 में यूपी पुलिस भी आ गई थी झांसे में
ज्योति मिश्रा यूपी पुलिस में तैनात सब इंस्पेक्टर सुरेश मिश्रा की बेटी हैं. साल 2022 में उनके बारे में बहुतेरी मीडिया रिपोर्ट्स छपी थीं कि किस तरह एक आम पुलिसकर्मी की बेटी तमाम मुश्किलों के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण हुईं. यहां तक कि यूपी पुलिस ने उन्हें अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से बधाई भी दी थी. यही नहीं, उन्हें कई कार्यक्रमों में बुलाकर इस कथित सफलता के लिए सम्मानित भी किया गया था.
इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ के काकोरी थाने में तैनात सुरेश नारायण मिश्रा की बेटी महज 23 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में 432वीं रैंक हासिल कर अफसर बन गई.
क्या यूपीएससी के 2021 के रिजल्ट में ज्योति मिश्रा का नाम था?
ये पता लगाने के लिए हमने सबसे पहले यूपीएससी की वेबसाइट पर 2021 का फाइनल रिजल्ट देखा. हमने पाया कि फाइनल लिस्ट में ज्योति नाम की सिर्फ दो ही लड़कियों के नाम हैं- एक ‘ज्योति यादव’ जिन्होंने ओबीसी वर्ग की आरक्षित सीट से परीक्षा दी थी और दूसरी ‘ज्योति’ जिनका चयन एससी सीट से हुआ था. इस लिस्ट में सामान्य श्रेणी से चयनित होने वाली किसी ‘ज्योति मिश्रा’ नाम है ही नहीं.
हमने मेन्स परीक्षा का आधिकारिक रिजल्ट भी देखा. यहां भी हमें ज्योति नाम की सिर्फ उन्हीं दो लड़कियों का नाम मिला. इसके बाद, हमने साल 2021 की ‘सर्विस अलॉटमेंट लिस्ट’ की भी जांच की. यहां भी ज्योति यादव (ओबीसी) और ज्योति (एससी) का ही नाम है. ज्योति यादव को आईएफएस और ज्योति को आईएएस के लिए अनुशंसित किया गया था.
चूंकि ज्योति मिश्रा के नाम पर बने एक्स अकाउंट से जारी स्पष्टीकरण में लिखा था कि उनका नाम कथित सेकंड लिस्ट में आया था, इसलिए हमने एक-एक करके उस साल आईं सातों अलॉटमेंट लिस्ट्स को देखा. हमें किसी भी लिस्ट में ‘ज्योति मिश्रा’ नाम का कोई जिक्र नहीं मिला.
जाहिर है, अगर ज्योति ने ये परीक्षा पास की होती, तो उनका नाम इन लिस्ट्स में जरूर होता.
जिस लिस्ट में ज्योति मिश्रा के नाम के आगे जनरल लिखा है, वो एडिटेड है
महेंद्र विक्रम नाम के शख्स ने ज्योति मिश्रा के नाम के आगे 'जनरल' लिखी हुई एक लिस्ट एक्स पर शेयर की थी. ये बताते हुए, कि ये उन्हें ज्योति के पिता ने भेजी है. असलियत ये है कि ये लिस्ट फर्जी है.
इसमें ज्योति नाम को एडिट करके ‘ज्योति मिश्रा’ कर दिया गया है. साथ ही, नाम के आगे लिखे (एससी) और (आईएएस) की जगह (जनरल) और (आईएफएस) लिख दिया गया है.

ज्योति ने हमें क्या बताया?
ज्योति ने आजतक को बताया कि जब उन्होंने अपने पिता से कहा कि वो आईएएस की कोचिंग पढ़ना चाहती हैं, तो वो इसके लिए बड़ी मुश्किल से माने थे. उन्होंने ज्योति की शादी के लिए इकट्ठा किए गए पैसे उनकी कोचिंग के लिए दे दिए थे.
2020 में उनका यूपीएससी में सेलेक्शन नहीं हुआ. 2021 में भी उन्होंने ये परीक्षा दी और उसमें भी उनका सेलेक्शन नहीं हुआ. उनकी छोटी बहन आरती ने जब यूपीएससी का रिजल्ट चेक किया, तो उसे उसमें ज्योति नाम दिखा. उन्हें लगा कि ये शायद उनकी बड़ी बहन हो सकती है. जब उसने ज्योति को कॉल कर के पूछा कि क्या ये ज्योति तुम ही हो. तो ज्योति ने सोचा कि बार-बार असफल होने की बात क्या बताऊँ, उसने कह दिया- "हां ये मैं ही हूं."
ये सुनकर उत्साहित आरती ने ज्योति के कथित तौर पर यूपीएससी पास कर लेने की बात अपने पिताजी को बताई. उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने अपने सहकर्मियों, रिश्तेदारों में बात फैला दी. मीडिया में भी खबरें छप गईं. ज्योति को लगा कि अब सच बताने के लिए बहुत देर हो चुकी है.
इतने लंबे वक्त तक कैसे छुपाया झूठ?
ज्योति ने बताया कि क्योंकि वो कोचिंग पढ़ रही थीं तो जाहिर सी बात है कि उनके साथ पढ़ने वाले कुछ लोगों ने यूपीएससी पास भी किया था. यही वजह है कि वो सेलेक्शन, ट्रेनिंग और पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया से वाकिफ थीं. उनका झूठ पकड़ा न जाए इसके लिए ज्योति ने सोचा कि आईएएस बताएंगी तो उनकी पोस्टिंग देश में ही किसी राज्य में होगी, जिसकी खबर कोई भी पता लगा सकता है. इसलिए उन्होंने अपने परिजनों को ये बताया कि उनका चयन आईएफएस, यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज में हुआ है.
चूंकि ज्योति स्पेनिश लैंग्वेज का कोर्स भी कर रही थीं, और किसी ने उनसे कहा था कि ये भाषा सीखकर उन्हें वहां की एम्बेसी में नौकरी भी मिल सकती है, इसीलिए उन्होंने अपने परिवार से ये कह दिया कि उनकी पोस्टिंग स्पेन में हुई है. गौर करने वाली बात ये है कि अभी तक उनका पासपोर्ट भी नहीं बना है. उनका झूठ पकड़ा न जाए इसलिए वो पिछले डेढ़ साल में सिर्फ एक बार ही अपने घर गईं.
आईएफएस नहीं हैं, तो क्या करती हैं ज्योति?
ज्योति ने आजतक को बताया कि वर्तमान में वो दिल्ली में एक अर्ध सरकारी कंपनी में नौकरी कर रही हैं. उन्हें इतने पैसे मिल जाते हैं कि उनका खर्चा-पानी चल जाता है और उन्हें घर से पैसे नहीं मांगने पड़ते.
ज्योति के पिता का क्या कहना है?
हमने ज्योति मिश्रा के पिता सुरेश मिश्रा से भी बातचीत की. उन्होंने हमें बताया कि उनकी बेटी ज्योति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज से बी.कॉम में स्नातक किया है. ज्योति ने सेकंड ईयर में यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग पढ़ने के लिए घर से पैसे मांगे और दिल्ली का कोचिंग सेंटर 'विजन आईएएस' जॉइन किया. साल 2022 में उन्होंने अपने परिवार को बताया कि उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और यहां तक कि इंटरव्यू भी पास कर लिया है.
सुरेश ने आजतक को बताया कि उन्हें अपनी बेटी पर भरोसा था इसलिए उन्होंने न तो कभी उसका रिजल्ट क्रॉस चेक किया, न ही उनका रोल नंबर मांगा.
पिता के मुताबिक, 10-15 दिन बाद ज्योति ने अपने परिवार को बताया कि उनका चयन इंडियन फॉरेन सर्विस के लिए हो गया है और अब वो ट्रेनिंग के लिए मसूरी की 'लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी' जा रही हैं. उन्होंने इस बात पर भी यकीन कर लिया.
सुरेश ने आजतक को बताया कि ज्योति ने अपने कथित फाउंडेशनल कोर्स के खत्म होने के बाद उनसे कहा था कि अब उन्हें लैंग्वेज ट्रैनिंग के लिए स्पैनिश अलॉट हुई है, जिसके लिए उन्हें स्पेन जाना होगा. इस दौरान, ज्योति ने परिवार से कभी पैसे नहीं लिए, इसलिए परिवार को ज्योति की किसी भी बात पर शक भी नहीं हुआ.
सुरेश के मुताबिक, वो अपनी स्पेन में चल रही कथित ट्रेनिंग के दौरान वॉट्सऐप पर कॉल भी करती थीं. हालांकि, ज्योति ने इस दौरान न तो कभी अपने परिजनों को वीडियो कॉल किया, न ही उन्हें स्पेन या अपने ट्रेनिंग के दिनों की कोई तस्वीर भेजी. सुरेश ने एक-दो मौकों पर अपनी बेटी से उसकी ट्रेनिंग और स्पेन के फोटो-वीडियो मांगे, लेकिन हर बार उसने किसी न किसी बहाने से बात को टाल दिया. सुरेश के मुताबिक, उनकी बेटी ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अंधेरे में रखा. इस बात से अब वो न सिर्फ सदमे में हैं, बल्कि ये नहीं समझ पा रहे कि अब समाज को क्या मुंह दिखाएंगे.
जाहिर है, ये सारा कन्फ्यूजन ज्योति मिश्रा के एक झूठ की वजह से हुआ, जो उन्होंने साल 2022 में अपनी बहन से बोला था. हालांकि अब उन्हें इस बात का पछतावा है.