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पर्थ में प्रतिष्ठा बचाने उतरेगी टीम इंडिया

लगातार दो मैच में करारी हार से बैकफुट पर खड़ी भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में यदि वापसी करनी है तो उसके सीनियर बल्लेबाजों को वाका की खौफनाक पिच पर अपने कौशल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

लगातार दो मैच में करारी हार से बैकफुट पर खड़ी भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में यदि वापसी करनी है तो उसके सीनियर बल्लेबाजों को वाका की खौफनाक पिच पर अपने कौशल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.

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भारतीय टीम और उसके बल्लेबाजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है और ऐसे में वाका की तेज पिच में उनके लिये राह कांटों भरी होगी. श्रृंखला में अब तक भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढहती रही तथा ऑस्ट्रेलिया के अनुभवहीन लेकिन अनुशासित गेंदबाजी के आक्रमण के सामने उसके दिग्गज बल्लेबाज जूझते रहे हैं.

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अब जबकि टीम पर इंग्लैंड जैसा हाल होने का खतरा मंडरा रहा है तब भारतीय बल्लेबाजों को खुद की और टीम की प्रतिष्ठा बचाने के लिये दुनिया की सबसे तेज पिच पर कुछ खास करना होगा. भारत का कोई भी बल्लेबाज अभी तक श्रृंखला में शतक नहीं जड़ पाया है.

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इनमें सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं जिनके 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. तेंदुलकर ने अब तक चारों पारियों में अच्छी शुरुआत की और वह 56.50 की औसत से 226 रन बनाने में सफल रहे हैं लेकिन शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों का औसत 30 से कम है.

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राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग दो मैच में कुल मिलाकर 100 से थोड़ा अधिक रन बना पाये हैं. गौतम गंभीर सिडनी में 83 रन बनाने के बावजूद 100 रन तक नहीं पहुंचे हैं. लक्ष्मण ने भी एक पारी में 66 रन बनाये लेकिन वह अभी तक दौरे में केवल 71 रन बना पाये हैं.

इंग्लैंड में भी बल्लेबाजों की सामूहिक असफलता के कारण भारत को 0-4 से हार झेलनी पड़ी थी. वहां द्रविड़ चल रहे थे लेकिन यहां उनका बल्ला अब तक खामोश रहा है.

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भारत ने इस मैदान पर पहला मैच 1977 में खेला था तथा दो पारियों 402 और 394 रन बनाये थे. यहां तक कि पहली पारी में उसने बढ़त हासिल की थी. इन दोनों टीमों के बीच वाका में अगला मैच 1992 में खेला गया था जिसमें तब 17 वर्ष के सचिन तेंदुलकर 114 रन की लाजवाब पारी खेली थी.

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अब तक सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ और तेंदुलकर ने वाका पर शतक जमाये और भारतीय बल्लेबाज निश्चित तौर पर इनसे प्रेरणा लेना चाहेंगे. जहां बल्लेबाजों को लंबी पारियां खेलनी होंगी वहीं गेंदबाजों को भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को दबाव से उबरने का मौका नहीं देना होगा.

पहले दोनों मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम संकट से बाहर निकलने में सफल रही थी. दोनों टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही. मेलबर्न में उसने 214 रन पर छह विकेट गंवा दिये थे जिसके बाद पुछल्ले बल्लेबाजों ने उसे बचाया. यहां तक की दूसरी पारी में भी उसका स्कोर एक समय चार विकेट पर 27 रन था. सिडनी में एकमात्र पारी में वह तीन विकेट पर 37 रन से उबरकर विशाल स्कोर खड़ा करने में सफल रहा था.

ऑस्ट्रेलिया को इन सभी अवसरों पर उसकी अनुभवी त्रिमूर्ति रिकी पोंटिंग, माइकल क्लार्क और माइक हस्सी ने वापसी दिलायी. यदि इशांत शर्मा और उमेश यादव ने निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे जहीर खान का साथ दिया होता तो फिर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की स्थिति भी खराब रहती.

पिच हरी और जीवंत दिख रही है और इसमें अतिरिक्त तेज गेंदबाज की जरूरत पड़ सकती है. अब तक यहां स्पिनर बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं. इस मैदान पर गेंदबाजों को जितने विकेट मिले हैं उनमें से 82 प्रतिशत से अधिक विकेट तेज गेंदबाजों ने लिये हैं. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सिडनी के सपाट विकेट पर 44 ओवर में 150 से अधिक रन दिये लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला लेकिन निचले क्रम में उनकी बल्लेबाजी के कारण अब भी उनका दावा मजबूत माना जा रहा है.

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बल्लेबाजी में भी लगता नहीं है कि रोहित शर्मा को विराट कोहली के स्थान पर यहां टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिलेगा. दिल्ली के युवा बल्लेबाज ने अब तक चार पारियों में 43 रन बनाये हैं. सीनियर बल्लेबाज लक्ष्मण भी आलोचकों के निशाने पर होने के बावजूद सुरक्षित है.

ऑस्ट्रेलियाई भी अभी तक तय नहीं कर पाये हैं कि चोटिल जेम्स पैटिनसन की जगह रेयान हैरिस लेगा या मिशेल स्टार्क. ऑस्ट्रेलिया को पैटिनसन की कमी खलेगी लेकिन वह कोच मिकी आर्थर की नापंसद के बावजूद यहां चार तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है. अब तक स्पिनर नाथन लियोन को ही भारतीयों ने आसानी से खेला है.

इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएगी टीमः

भारतः महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन, जहीर खान, इशांत शर्मा, उमेश यादव, अजिंक्या रहाणे, अभिमन्यु मिथुन, प्रज्ञान ओझा, रिद्धिमान साहा और रोहित शर्मा.

ऑस्ट्रेलियाः माइकल क्लार्क (कप्तान), डेविड वार्नर, एड कोवान, शान मार्श, रिकी पोंटिंग, माइकल हसी, ब्रैड हैडिन, पीटर सिडल, बेन हिल्फेनहास, रेयान हैरिस, मिशेल स्टार्क और नाथन लियोन.


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