उनकी धुनें वक्त से बेहद आगे थीं, उनके सुरों में ताजगी का अहसास था, उनके संगीत में एक नया अंदाज था, तभी तो उन्हें सुरों का पंचम कहा गया. पंचम दा एक ऐसे संगीतकार जिन्होंने हिन्दी सिनेमा में म्यूजिक को एक नया आयाम दिया, तभी तो सालों बाद भी उनकी धुनें एकदम नई लगती हैं.