बिग बॉस 19 में बीते दिन यानी 2 नवंबर रविवार को हुए 'वीकेंड का वार' काफी एंटरटेनिंग हुआ. इस खास एपिसोड में नेहा कक्कड़-टोनी कक्कड़ अपने गाने का प्रमोशन करने पहुंचे. वहीं शहनाज गिल अपनी फिल्म और वहीं एकता कपूर ने अपनी नई नागिन का ऐलान किया. इन सब के बीच प्रणित मोरे का एविक्शन भी देखने को मिला.
बता दें कि बिग बॉस 19 के बीते एपिसोड में एक और पल था, जिसने सबका ध्यान खींचा, वह था अमाल मलिक का अपने स्ट्रगल के दिनों, फाइनेंशियल समस्याओं के बारे में खुलकर बात करना.
अमाल मलिक ने क्या बताया?
अमाल मलिक ने बताया कि वह सफल होने के लिए अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे और उनके करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. अमाल ने बताया, 'मुझे वह समय याद है जब मैं किसी तरह एकता कपूर की पार्टी में दाखिल हुआ था. इंडस्ट्री में संपर्क बनाना इतना आसान नहीं है, चाहे आप कोई भी हो इसलिए मैंने अपने एक दोस्त, जो एक असिस्टेंट डायरेक्टर हैं से पार्टी में शामिल होने में मदद करने की रिकवेस्ट की थी. जब मैं अंदर गया, तो हर कोई अपने दायरे में था, और एक सीनियर राइटर मेरे पास आया और उसने मेरी शर्ट पकड़ी और मुझसे पूछा कि मैं पार्टी में क्यों आया हूं?'
'मैंने उन्हें बताया कि मैं एक दोस्त के जरिए आया हूं. उन्होंने मुझे खींचा और कहा कि एक साल बाद मैं अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा गाना गाऊंगा और तब वह मुझसे मिलेंगे. मुझे आज भी वह धक्का याद है क्योंकि मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ा.'
अमाल ने स्ट्रगल के दिनों को किया याद
वहीं एक म्यूजिशियन के तौर पर अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बात करते हुए, अमाल ने कहा, 'मैंने कभी भी कहीं पहुंचने के लिए अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया. मैं कीबोर्ड लेकर काम पाने की कोशिश में घूमता रहता था. एक दिन मेरी मुलाकात किसी से हुई और उसने लिफ्ट में मेरे चार गाने गाए और उन्होंने मुझसे मेरा परिचय पूछा. मैंने उन्हें बताया कि मैं एक म्यूजिशियन हूं और गाने बनाना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि उन्हें फिलहाल रोमांटिक गाने नहीं चाहिए. फिर बाद में मुझे सूरज डूबा है की धुन याद आई और मैंने वह गाना किया.'
परिवार पर था करोड़ों का कर्ज
अमाल ने कहा, 'मैंने अपने पिताजी को बताया कि आखिरकार मुझे रणबीर कपूर की फिल्म में एक गाना मिल गया, और वे बहुत खुश हुए.' इसके बाद अमाल ने बताया, 'उस दौरान मेरी फैमिली पर किसी कारणवश 3-4 करोड़ रुपये का कर्ज था, और न तो मेरे चाचा और न ही किसी और ने हमारी मदद की. मेरे दादाजी की हालत बहुत गंभीर थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और इस वजह से हमने कर्ज लिया. उस वक्त अरमान वॉइस-ओवर करते थे और 15,000-20,000 रुपये कमाते थे. यह एक कठिन समय था क्योंकि हम अपना घर और कार बेचने की कगार पर थे.'