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तुषार कपूर: वो एक्टर जो मूक फिल्मों के दौर में होता तो शायद ज्यादा कामयाब होता

फिल्म गोलमाल में तुषार कपूर ने लकी नाम का किरदार किया था जो बोल नहीं सकता लेकिन सुन सकता है. इस किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया था.

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तुषार कपूर
तुषार कपूर

जीतेंद्र कपूर और शोभा कपूर के बेटे तुषार कपूर ने अपना फिल्मी करियर साल 2001 में आई फिल्म मुझे कुछ कहना है से शुरू किया. इसके बाद तुषार ने ढेरों फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन न तो लीड हीरो के तौर पर वो कामयाब हुए और न साइड रोल ने उन्हें कोई बड़ी पहचान दिलाई. लेकिन साल 2006 में उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली जिसके जरिए वह तेजी से मशहूर हो गए.

ये फिल्म थी रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी 'गोलमाल'. फिल्म में तुषार कपूर ने लकी नाम का किरदार किया था जो बोल नहीं सकता लेकिन सुन सकता है. तुषार ने इस किरदार को कुछ इस अंदाज में किया कि इसकी खूब कॉपी की गई और शोज में जब भी तुषार की मिमिक्री करनी होती थी तो उनके इसी किरदार को आमतौर पर चुना जाता था.

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20 नवंबर 1976 को महाराष्ट्र में मुंबई शहर में जन्मे तुषार जहां बॉलीवुड में बतौर एक्टर अपनी जगह लंबे वक्त तक तलाशते रहे वहीं उनकी बहन एकता कपूर देखते ही देखते छोटे और बड़े पर्दे की जानी मानी प्रोड्यूसर बन गईं. तुषार के गोलमाल वाले किरदार के बाद सोशल मीडिया साइट्स पर मजाक में ये कहा जाना शुरू हो गया कि बेहतर है कि उन्हें मूक फिल्मों में ही काम करना चाहिए.

अक्षय संग आएंगे नजर

क्या वाकई तुषार मूक ढंग से अपने किरदार को उस बेहतरी के साथ पेश कर सकते हैं जो बोल कर व्यक्त कर पाना संभव नहीं है? इस बात का फैसला तो जनता ही बेहतर ढंग से कर सकती है, लेकिन फिलहाल ये कहा जा सकता है कि तुषार को बड़े पर्दे पर कोशिश करते हुए तकरीबन 9 साल हो चुके हैं. अगले साल वह अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब में गौरव नाम का किरदार निभाते नजर आएंगे.

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