कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बने एक्टर सोनू सूद ने हाल ही में अपना 47वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया. करोड़ों लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके अच्छे भविष्य की कामना की. एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान सोनू सूद ने उस वक्त को याद किया जब उन्हें बर्थडे विश करने वाला कोई नहीं था.
सोनू ने उस वक्त को याद करते हुए बताया, "मैं रात के 12 बजे लोखंडवाला में एक ब्रिज पर अकेला बैठा हुआ था. रात के 12 बजे मेरी मां, मेरे पिता और मेरी बहन ने कॉल करके मुझे विश किया. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वहां तुम्हारे कोई दोस्त तुम्हारे पास हैं? और मैंने कहा कि मुंबई में मेरे कोई दोस्त नहीं हैं."
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...and I dared to become an actor. #1997
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"मैं बहुत अकेला और दुखी महसूस कर रहा था. मेरी आंखों में आंसू थे और इस इतने बडे़ शहर में कोई भी नहीं था जो आकर मुझे हैप्पी बर्थडे कहता." सोनू ने कहा कि मेरी बस यही दुआ है कि सभी समृद्ध और खुश रहें. उन्होंने कहा, "मैं बस ये कहूंगा कि ये साल बहुत खास रहा है, क्योंकि आज मेरा परिवार बहुत बड़ा हो गया है सभी राज्यों में मेरा परिवार है. मैं उनके चेहरों पर खुशी ला सका हूं और मैं उनसे बात कर सकता हूं."
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जल्द पब्लिश होगी सोनू सूद की किताब
सोनू सूद ने कहा, "मैं बस यही कहना चाहता हूं कि वो खुश रहें और मैं उनके साथ जुड़ा रह सकूं." बता दें कि सोनू सूद अब भी लगातार प्रवासी मजदूरों की सहायता कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने आज तक के साथ खास बातचीत में बताया था कि वह कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर किताब लिख रहे हैं.