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'वजीर' फिल्म को लेकर क्रिटिक्स की है अलग-अलग राय

फिल्म 'वजीर' को दर्शकों के साथ साथ क्रिटिक्स की भी मिली जुली प्र‍क्रिया मिली है. आइए जानते हैं फिल्म 'वजीर' को लेकर क्या है समीक्षकों की राय.

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फिल्म 'वजीर' को दर्शकों के साथ साथ क्रिटिक्स की भी मिली जुली प्र‍क्रिया मिली है. हालांकि फिल्म ने रिलीज के हफ्ते के बॉस ऑफिस पर कलेक्शन के मामले में रफ्तार भी पकड़ी. ओपनिंग वीकेंड पर 21 करोड़ की कमाई दर्ज करवाने वाली इस फिल्म की हाल ही में सक्सेस पार्टी का आयोजन भी किया गया. इस सेलिब्रेशन में फिल्म के लीड एक्टर्स अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर ने विधु विनोद चोपड़ा संग फिल्म की सक्सेस को कुछ इस अंदाज में एंजॉय किया.

लेकिन आने वाले हफ्तों फिल्म का जादू चल पाएगा या नहीं यह कहना मुश्किल हैं क्योंकि इस हफ्ते भी कोई बड़ी फिल्म तो रिलीज होने नहीं जा रही, तो इस बावत यह देखना मजेदार होगा कि क्या वजीर बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कलेक्शन कर पाएगी. फिल्म का बजट लगभग 40-50 करोड़ रु. के बीच बताया जाता है. लेकिन थ्रिलर के लिहाज से फिल्म बहुत हौसले नहीं जगाती है और किसी बड़े रिकॉर्ड की तो उम्मीद नहीं की जा सकती लेकिन अमिताभ और फरहान की वजह से यह बॉक्स ऑफिस पर कितनी आगे जाती है, देखना दिलचस्प होगा.

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शतरंज की खेल की तरह पिरोई गई इस फिल्म की कहानी को क्रिटिक्स से क्या रिस्पॉन्स मिला है आइए जानते हैं:
आजतक(2 स्टार)
आजतक के मूवी क्रिटिक नरेंद्र सैनी के मुताबिक, 'किसी भी सस्पेंस थ्रिलर की खासियत उसकी डिटेलिंग होती है. किस तरह जाल बुना जाता है, और किस तरह अंत में उस जाल के एक-एक तार को जोड़ा जाता है. शायद बिजॉय नाम्बियार इस बात को गहराई तक समझ नहीं पाए और वह एक सस्पेंस थ्रिलर को बहुत ही ऑब्वियस फिल्म बना बैठे. शायद यह बॉलीवुड के डायरेक्टरों की कमी भी है कि वह हॉलीवुड की तर्ज पर सस्पेंस थ्रिलर तो बनाना चाहते हैं लेकिन कहानी और पात्रों पर अपनी पकड़ नहीं रख पाते हैं. नतीजाः फिल्म का मजा किरकिरा हो जाता है. वैसे फिल्म के प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा ने 'वजीर' की रिलीज से पहले कहा था कि वह इस फिल्म को हॉलीवुड में बनाना चाहते थे. फिल्म को देखकर तो यही लगता है कि शायद यह बेहतर ही होता कि वह इस फिल्म को हॉलीवुड में ही बनाते.'

इंडियन एक्सप्रेस:(2.5 स्टार)
क्रिटिक शुभ्रा गुप्ता के मुताबिक,' फिल्म वजीर के बारे में बहुत सी अच्छी चीजें हैं जैसे फिल्म का प्लॉट, जो कि कई बेतुकी फिल्मों की लिस्ट से उसे अलग करता है. दूसरा है इस फिल्म अमिताभ बच्चन, जो अपनी अधाकारी से दर्शकों को बांधने में कामया ब साबित होते हैं. और तीसरा समय की कदर. फिल्म की कहानी को बखूबी 1.5 घंटे में समेटना. कुछ अगर खलता है तो फिल्म का सैकेंड हाफ को खींचना. बिजॉय नाम्बियार द्वारा थ्रिलर माहौल बनाना कहानी के मजे को किरकरा करते नजर आते हैं.

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एनडीटीवी:(2.5 स्टार)
सायबल चटर्जी के मुताबिक, 'वजीर' को लेकर जिस थ्रिलर पैक एक्शन की उम्मीद थी उससे डायरेक्टर बिजॉय नाम्बियार चूक गए. फिल्म में कई बार ऐसा लगा जहां कोई थ्रिलिंग मोमेंट फील नहीं हुआ. हालांकि की एक्टर्स अपने किरदारों को बखूबी अदा करते नजर आए. लेकिन वजीर फिल्म को वन टाइम वॉच फिल्म कहा जा सकता है वो भी अगर आप अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर जैसे दिग्गज स्टार्स को एक ही फिल्म में देखना चाहते हों.

दैनिक भास्कर: (3.5 स्टार)
फिल्म में सभी एक्टर्स ने बेहतरीन काम किया है. फिल्म के डायलॉग अभिजीत देशपांडे ने लिखे हैं, जो बॉलीवुड के टिपिकल, घिसे-पिटे डायलॉग्स से अलग हैं. ये डायलॉग्स आपको बिग बी की 70 की फिल्मों की याद दिला देंगे, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं. इस मूवी की कहानी सिम्पल है. हालांकि, फिल्म के आखिर में एक बड़ा ट्विस्ट है, जो आपको पूरी फिल्म से ज्यादा अच्छा लगेगा. फिल्म का बैकग्राउंट साउंड भी कमाल का है. कुल मिलाकर अगर आप परदे पर बेहतरीन परफॉर्मेंसेज देखना चाहते हैं तो इस फिल्म को देखना मत भूलिएगा. अगर आप सिर्फ थ्रिलर की उम्मीद कर रहे हैं, तो ये फिल्म उससे थोड़ा बढ़कर है.

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