रानी मुखर्जी ने अपनी मां के कहने पर फिल्मी करियर की शुरुआत की. उन्होंने अपने पिता के द्वारा बनाई गई बंगाली फिल्म 'बियेर फूल' में काम किया था. बाद में यही फिल्म हिंदी में 'राजा की आएगी बारात' के नाम से बनाई गई जिसमें रानी ने मुख्य भूमिका निभाई.
रानी के लिए फिल्मी करियर कभी आसान नहीं था. 1998 में आमिर खान के साथ विक्रम भट्ट की फिल्म 'गुलाम' की थी जिसमें उनके किरदार को काफी सराहना मिली थी. हाल ही में रानी ने इस बात का खुलासा किया कि मेरी आवाज आमिर खान को ठीक नहीं लगी थी. फिल्म में आमिर खान, निर्देशक विक्रम भट्ट और निर्माता मुकेश भट्ट को लगा था कि उनकी असल आवाज़ किरदार को शोभा नहीं देगा. इसलिए उनके किरदार की आवाज डब करवाई गई.
इसके बाद रानी ने करण जौहर की फिल्म कुछ-कुछ होता है साइन की. इस फिल्म में करण ने पहले रानी की आवाज डब करने का प्लान किया लेकिन बाद में उन्होंने रानी से कहा कि मैं नहीं चाहता तुम्हारी दुनिया नहीं सुनें.
रानी कहती हैं कि, करण नए निर्देशक थे वो मेरे किरदार की आवाज़ किसी और से डब करवा सकते थे पर उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और कहा की मेरी आवाज़ मेरी आत्मा है. करण के इस विश्वास ने मेरे अंदर हिम्मत जगाई, आगे चलकर वहीं मेरी हिम्मत बनी.
रानी मुखर्जी ने बताया कि कुछ-कुछ होता है देखने के बाद आमिर खान ने मुझे फोन किया और मुझसे माफ़ी मांगी और कहा की मुझे विश्वास नहीं था की तुम्हारी आवाज फिल्म के लिए सही है. मैं शब्द वापस लेता हूं, तुम्हारी आवाज अच्छी है.
रानी मुखर्जी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म हिचकी का प्रमोशन कर रहीं हैं. इस दौरान रानी ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि मेरा कद भी कई बार करियर में आड़े आया. लोग ये भी कहते थे कि अच्छा हुआ मैंने आमिर, शाहरुख और सलमान के साथ काम किया वरना परेशानी होती.
रानी ने इन सारी बातों को अपने एक्टिंग के जादू से गायब ही कर दिया. ब्लैक में निभाया रानी का किरदार सिनेमा जगत में दोहराया नहीं जा सकता.