
कन्नड़ इंडस्ट्री से निकली फिल्म 'कांतारा' 30 सितंबर को थिएटर्स में रिलीज हुई थी. कन्नड़ समेत हिंदी, तेलुगू और तमिल में भी जमकर कमाई करने वाली ये फिल्म अभी भी बहुत सारे थिएटर्स में चल रही है. 'कांतारा' की कहानी में माइथोलॉजी का भी एक बड़ा एलिमेंट था और इसकी चर्चा करते हुए बहुत सारे लोगों को 2018 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म 'तुम्बाड़' की याद आने लगी.
'तुम्बाड़' उन फिल्मों में से एक है जिनका चर्चा बहुत ज्यादा नहीं हुआ, लेकिन जब लोगों ने फिल्म देखी तो हैरानी से उनका मुंह खुला रह गया. डायरेक्टर राही अनिल बर्वे की इस फिल्म में भी कहानी का एक बड़ा हिस्सा माइथोलॉजी से जुड़ा था. 'तुम्बाड़' के क्रिएटिव डायरेक्टर और को प्रोड्यूसर आनंद गांधी ने अब सोशल मीडिया पर, अपनी फिल्म से 'कांतारा' की तुलना पर एक ट्वीट किया है. उनके ट्वीट के बाद अब सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है कि आखिर दोनों में से कौन सी फिल्म बेहतर है.
आनंद गांधी का ट्वीट
अपने ट्वीट में आनंद गांधी ने लिखा, 'कांतारा बिल्कुल भी तुम्बाड़ जैसी नहीं है. तुम्बाड़ के पीछे मेरा आईडिया ये था कि हॉरर को टॉक्सिक मस्क्युलिनिटी (मर्दवाद) और संकीर्णता के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाए. कांतारा इनी चीजों का सेलेब्रेशन है.'

आनंद के इस ट्वीट के रिप्लाई में अब सोशल मीडिया यूजर्स की एक नई बहस छिड़ गई है कि 'कांतारा' और 'तुम्बाड़' में से कौन सी फिल्म ज्यादा बेहतर है. एक यूजर ने लिखा, 'तुलना करने की कोई वजह ही नहीं है. कांतारा कल्चर को स्वीकार करती है और सेलिब्रेट करती है. तुम्बाड़ बिल्कुल भी ऐसी नहीं है. अच्छा सिनेमेटिक एक्सपीरियंस था, लेकिन तुम्बाड़ के अंत में अच्छा महसूस करने लायक कुछ भी नहीं था. कांतारा अंत में आपको खुश करती है और गर्व भी महसूस करवाती है.' इसके अलावा बहुत से यूजर्स ने ये भी कहा कि 'कांतारा' जंगल और वहां के लोगों के बीच के रिश्ते को भी दिखाती है.

कई लोगों ने आनंद गांधी से सहमती भी जताई और उनकी 'तुम्बाड़' को ज्यादा बेहतर फिल्म बताया. बहुतों ने ये भी कहा कि 'तुम्बाड़' तकनीकी रूप से 'कांतारा' से बेहतर फिल्म है.

'तुम्बाड़' के लिए क्रेडिट की बहस भी छिड़ी
आनंद गांधी के ट्वीट के जवाब में एक दूसरी बहस भी छिड़ गई है. जैसा आपने ऊपर पढ़ा ही होगा कि उन्होंने ट्वीट में 'तुम्बाड़' को अपना आईडिया कहा है. लेकिन 'मोनिका ओह माय डार्लिंग' और 'मर्द को दर्द नहीं होता' के डायरेक्टर वासन बाला ने 'तुम्बाड़' को डायरेक्टर राही अनिल बर्वे का आईडिया बताया.

बाला ने आनंद के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'तुम्बाड़ राही का आईडिया था... इसके आलावा, हां आपकी बात मान सकता हूं.' बाला का जवाब देते हुए आनंद ने कहा कि 'आप मेरी फिल्म के सेट पर मौजूद नहीं थे', लेकिन बाला भी अपनी बात पर टिके रहे. उन्होंने ये माना कि 'तुम्बाड़' के सेट पर वो मौजूद तो नहीं थे, लेकिन उन्हें अच्छे से पता है कि वो क्या बात कर रहे हैं.
ट्विटर पर भले यूजर्स 'कांतारा' और 'तुम्बाड़' को लेकर भिड़े हों, लेकिन इस बीच कई लोग ये भी कह रहे हैं कि दोनों फिल्मों का अपना अलग-अलग मजा है. 'कांतारा' की बात करें तो रिषभ शेट्टी की फिल्म अभी तक 8 हफ्तों में, सिर्फ भारत में ही 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर चुकी है. वर्ल्डवाइड फिल्म का ग्रॉस कलेक्शन 400 करोड़ के पार जा चुका है.