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एक्टर बनना हराम मानती हैं मां, घरवालों को मनाने में लगे 5 साल, पिता से भी खाई मार

फिल्म 'बनारस' का ट्रेेलर चर्चा में बना हुआ है. टाइम ट्रैवल पर बेस्ड फिल्म से जैद खान एक्टिंग डेब्यू करने जा रहे हैं. अपने पहली फिल्म को लेकर जैद काफी एक्साइटेड हैं. उनके लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा है. जैद खान ने बताया कि इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है.

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जैद खान
जैद खान

कन्नड़ फिल्म बेलबॉटम के डायरेक्टर जयतीर्थ फिल्म 'बनारस' लेकर आ रहे हैं. टाइम ट्रैवल की बात करती इस फिल्म से जैद खान अपना एक्टिंग डेब्यू करने जा रहे हैं. जैद की इस पैन इंडिया फिल्म का भव्य तरीके से ट्रेलर लॉन्च किया गया. मौके पर स्पेशल गेस्ट अरबाज खान जैद को चीयरअप करने पहुंचे थे.

अपने पहली फिल्म को लेकर एक्साइटेड जैद बताते हैं, उनके बचपन का सपना आखिरकार पूरा हो गया है. खुद को सिल्वर स्क्रीन पर देखकर जैद फूले नहीं समा रहे हैं. हालांकि जैद बताते हैं कि उनके लिए यहां तक पहुंचने का स्ट्रगल कम नहीं था.

एक्टर बनने की बात सुन पापा ने की थी पिटाई
आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान जैद कहते हैं, मैं बैंगलुरु में एक बहुत ही स्टैबलिश फैमिली से आता हूं. हमारा फैमिली बिजनेस है और मुझे हर वो सुविधा मिली है, जो हर किसी की ख्वाहिश है. लेकिन फिल्मों तक पहुंचने के लिए मेरे अपने स्ट्रगल रहे हैं. मेरे पैरेंट्स कभी नहीं चाहते थे कि मैं एक्टर बनूं. यहां तक कि मैं कुछ भी नहीं करूं, तो फिर भी गवारा है लेकिन मैं एक्टर नहीं बन सकता. मुझे लगभग पांच साल लगे उन्हें समझाने में.

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जब पहली बार पापा को बताया कि एक्टर बनना है, तो बहुत गाली पड़ी और यहां तक कि पिटाई भी हुई. मैंने अपने एक फैमिली फ्रेंड अंकल जो प्रॉड्यूसर भी हैं, उनसे दरख्वास्त भी की थी कि मेरे पैरेंट्स को मनाएं. उन्होंने काफी कोशिश भी की थी. मेरे पापा तो राजी हो गए लेकिन मां आज भी थोड़ी नाराज रहती हैं. मां के अनुसार हमारे धर्म में एक्टिंग को हराम माना जाता है. हालांकि मैं मानता हूं कि एक एक्टर का न कोई धर्म होता है और न कोई जाति, बस वो तो कलाकार होता है.

ओटीटी पर कभी नहीं आऊंगा
बता दें, जैद ने मुंबई आकर अनुपम खेर की एक्टिंग एकेडमी से अपनी ट्रेनिंग की है. इस फिल्म के जरिए जैद पैन इंडिया में कदम रखने जा रहे हैं. जैद की ख्वाहिश है कि वो बॉलीवुड में संजय लीला भंसाली के साथ काम करें. हालांकि जैद ने पहले से तय कर लिया है कि वो ओटीटी पर कभी नहीं जाएंगे.

ओटीटी से परहेज पर जैद कहते हैं, मैं बचपन से स्टार बनना चाहता हूं और एक स्टार की पावर तब महसूस होती है, जब वो सिल्वर स्क्रीन पर नजर आता है. मैं अपनी जिंदगी में भले ही पांच फिल्में करूं लेकिन वो बिग स्क्रीन के लिए ही होंगी. मुझे ओटीटी पर ही अगर आना होता, तो पैसे कमाने के मेरे पास बहुत से ऑप्शन हैं, मैं घर का बिजनेस ही संभाल लूंगा.

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