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ज्यादा खोया-कम पाया क्योंकि किसी को मक्खन नहीं लगाया, Birthday पर बोले Annu Kapoor

अन्नू कपूर को एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लगभग चालीस साल हो चुके हैं. जन्मदिन के मौके पर अन्नू हमसे अपनी फिल्मी जर्नी, पर्सनल लाइफ पर दिल खोलकर बातचीत करते हैं.

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अन्नू कपूर
अन्नू कपूर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपने जन्मदिन के मौके पर बोले अन्नू कपूर
  • किसी की मक्खनबाजी नहीं की है

एक्टर, होस्ट, सिंगर, राइटर, प्रेजेंटेटर अन्नू कपूर अपनी जिंदगी के 66वें बसंत पर पैर रख चुके हैं. बॉलीवुड इंडस्ट्री में अन्नू कपूर को चार दशक हो चुके हैं. हालांकि, अपनी जर्नी पर अन्नू का कहना है कि वे जितने के हकदार हैं, उसका केवल 10 प्रतिशत ही उन्हें मिल पाया है. 

आजतक डॉट इन ने जब इंडस्ट्री के सफर पर अन्नू से सवाल किया, तो जवाब में अन्नू कहते हैं, 'मैंने तो इस चालीस साल के सफर में खोया ज्यादा है और पाया कम है. लेकिन क्या होता है खोने और पाने के चक्कर में वो लोग पड़ सकते हैं, तो समृद्ध होते हैं. हम जैसे मजदूर आदमी अगर इस खोने-पाने के हिसाब में पड़ जाए, तो काम कब करेंगे. जो खो दिया है, वो तो अब वापस नहीं आ सकता है. जितना पाया है, उसे लेकर कोई गुरूर नहीं है. जिंदगी ऐसे ही चलती है.'

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जितना डिजर्व करता हूं, उसका केवल 10 प्रतिशत मिला 

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इंडस्ट्री से कंपलेन सवाल पर अन्नू कहते हैं, जी हां, ब'हुत कंपलेन हैं. मैं तो बहुत फ्रस्ट्रेटेड आदमी हूं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपना फ्रस्ट्रेशन दूसरे लोगों पर उतारूं. मेरी शायद किस्मत यही रही है. मैं जो डिजर्व करता हूं, उसका केवल 10 परसेंट ही मिल पाया है. अब क्या कर सकता हूं. अब मैं अपने नाकामियों को लेकर बैठ नहीं सकता हूं ना. मैंने अपनी तरफ से तो हमेशा बेस्ट दिया है, लेकिन मेरा बेस्ट शायद इतना योग्य नहीं था कि दुनियावाले मेरे काम को उतना पसंद करे, जितना वो बाकी एक्टर्स के काम को पसंद करते हैं.'

चमचा नहीं बन पाया या मक्खनबाजी नहीं की 

अन्नू आगे कहते हैं, 'आज मैं यह अपने जन्मदिन के मौके पर यह कह रहा हूं. तजुर्बे के लिए जिंदगी के 66 साल काफी होते हैं. ऐसा लगता है कि मैं किनारे पर आज भी खड़ा हूं. सच कहूं कि इसमें कहीं न कहीं मेरा भी दोष है, मैं उनकी तरह नहीं बन पाया. मैं तो इन फिल्म स्टार्स, प्रोड्यूसर्स व डायरेक्टर्स का दोस्त व चमचा नहीं बन पाया. मैंने कभी मक्खनबाजी पर यकीन नहीं किया है. मैं काम करता हूं और घर वापस आ जाता हूं. दरअसल मेरा इंटलेक्चुअल और क्लास इन लोगों से मैच नहीं होता है, इसलिए हमेशा दूरी बनाकर रखी. मैं दुनियादारी सीख नहीं पाया है.'

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