scorecardresearch
 

'बर्तन मांज लूंगी लेकिन इज्जत की रोटी खाऊंगी', कॉम्प्रोमाइज की डिमांड पर बोली मशहूर एक्ट्रेस

पाखी हेगड़े ने हाल ही में खुलासा किया कि इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच या कॉम्प्रोमाइज जैसी चीजें होती हैं, लेकिन अगर आप अपनी लिमिट तय कर लें तो कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. उन्हें अप्रोच करने की कोशिश की गई थी लेकिन वो किसी के आगे नहीं झुकीं.

Advertisement
X
कास्टिंग काउच पर क्या बोलीं पाखी? (Photo: Instagram @pakkhihegde)
कास्टिंग काउच पर क्या बोलीं पाखी? (Photo: Instagram @pakkhihegde)

भोजपुरी सिनेमा की फेमस एक्ट्रेस पाखी हेगड़े भी कास्टिंग काउच और फिल्म मेकर्स से अजीबो गरीब डिमांड्स किए जाने का शिकार हो चुकी हैं. उन्होंने खुद इस बारे में बात की है. पाखी ने बिना नाम लिए कहा कि बड़े-बड़े लोग इस तरह से अप्रोच करते हैं, लेकिन ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे हैंडल करते हैं. पाखी कहती हैं कि किसी की इंडस्ट्री में किसी की हिम्मत नहीं है कि जो उनसे जोर जबरदस्ती कर सके. 

लिमिट तय करना जरूरी

पाखी ने अपने साथ हुए कुछ इंसीडेंट्स का जिक्र करते हुए प्रभात खबर को बताया कि उन्होंने हमेशा अपनी सीमा को तय करके रखा है. पाखी बोलीं- मुझे लगता है आपको अपनी शर्तें बहुत क्लियर रखनी चाहिए. मेरे लाइफ के गोल्स बहुत क्लियर हैं. मेरे लिए ना मतलब ना. काम नहीं करना है ठीक है. मैं बर्तन मांज लूंगी. लेकिन मैं अपनी इज्जत की रोटी इज्जत से खाऊूंगी. आपको कोई भी कमजोर नहीं बना सकता. 

'यहां क्या होता है ना कि आप समझौते नहीं करोगे तो कोई और कर लेना और मौका हासिल कर लेगा. इस रेस की वजह से कई लड़कियां मान जाती हैं. तो मुझे लगता है कि आपको पहले अपनी लिमिटेशन्स तय करना बहुत जरूरी है. आप तय कर लें आप कहां तक कम्फर्टेबल फील करते हैं.'

Advertisement

जब बॉलीवुड फिल्म मेकर ने पार की हदें

पाखी ने बताया कि उन्हें हिंदी फिल्म ऑफर हुई थी. नाम नहीं लेना चाहूंगी क्योंकि वो बड़ी फिल्म थी. बिपाशा बसु थीं उसमें, प्रियांशु चटर्जी और जॉन अब्राहम थे. मुझे सेकेंड लीड रोल ऑफर हुई थी. जिनकी फिल्म थी वो अच्छे खासे राइटर थे. मेरा बहुत प्राइम रोल था, बावजूद इसके जब मुझे लगा कि उनकी कुछ हरकतें मुझे समझ में नहीं आ रही हैं. तो वो मुझे बोलने लगे कि तुम्हारे लिए नहीं है ये इंडस्ट्री. मैंने कहा ठीक है.

पाखी आगे बोलीं- जाहिर है शॉर्ट कट्स को लोग अप्रोच करने की कोशिश करते हैं. लेकिन ये सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में नहीं हैं. हर जगह पर है. ऐसी पॉलिटिक्स और भटकाने का गेम हर जगह चलता है. बस कोई आपको फोर्स नहीं करता. ये आपके ऊपर डिपेंड करता है कि कैसे आगे बढ़ना है. मैंने इतना काम किया है, इतने डायरेक्टर्स, एक्टर्स, प्रोड्यूसर्स मुझे पाखी जी कहकर बुलाते हैं. क्यों? क्योंकि मैंने उतनी गरिमा बनाए रखी हैं, मैं अगर ना कह दूं तो किसी की हिम्मत नहीं है. सब जानते हैं मैं खाली बैठी रह सकती हूं. पर ये नहीं करूंगी.  

बता दें, पाखी ने भोजपुरी फिल्म भैया हमार दयावान, निरहुआ हिंदुस्तानी, पवन राजा से लेकर मराठी फिल्म सत ना गत, और हिंदी फिल्म गंगा देवी तक की हैं. वो तुलु फिल्म भी कर चुकी हैं. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement