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नालंदा: नीतीश के इस सुरक्षित दुर्ग में किसी और पार्टी की सेंधमारी मुश्किल

नालंदा: नीतीश के इस सुरक्षित दुर्ग में किसी और पार्टी की सेंधमारी मुश्किल

नालंदा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक जिला है. इसका मुख्यालय बिहारशरीफ है. नालंदा लोकसभा सीट पर कुर्मी जाति का दबदबा है. नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिए विश्वप्रसिद्ध है. यहां विश्व की सबसे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौज़ूद हैं. जहां शिक्षा के लिए कई देशों के छात्र आते थे. प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहां जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में बिताया था. भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक को यहीं उपदेश दिया था. हाल के वर्षों में भारत सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित किया है. यह बौद्ध अध्ययन का प्रमुख केंद्र बन गया है. नालंदा से 2014 में जेडीयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार ने चुनाव जीता था. उन्होंने लोजपा उम्मीदवार सत्यनंद शर्मा को हराया था. 2009 के चुनाव में भी जेडीयू और एलजेपी के बीच टक्कर रही. जेडीयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार ने एलजेपी के सतीश कुमार को हराया. 1999 से लेकर 2014 तक के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ही यहां से जीत हासिल करती रही है. इस कारण इस क्षेत्र को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुरक्षित दुर्ग माना जाता है. नालंदा संसदीय क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 1,719,503 है जिनमें 803,727 महिला और 915,776 पुरुष मतदाता हैं.

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