मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार रवींद्र वायकर ने शुक्रवार को आम चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन रैली में समर्थकों से भरी कई बसें और बाइक्स शामिल रही.
इसी भीड़ में सामने आया कि कई बसों और बाइकों पर समर्थकों ने PS फाउंडेशन के बैनर लेकर रखे थे. इन पर पूर्व एनकाउंटर पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा और उनकी पत्नी कृति शर्मा की तस्वीरें लगी थीं. शर्मा एंटीलिया मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक हैं, जिन पर मनसुख हिरेन की हत्या की साजिश का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है. मामला सामने आने के बाद 2021 में बीजेपी ने शिवसेना पर हमले शुरू कर दिए थे, क्योंकि शर्मा शिवसेना के सदस्य थे और उनके टिकट पर चुनाव लड़े थे.
कुछ भाजपा नेताओं और यहां तक कि शिवसेना के नेताओं से जब शर्मा और उनके एनजीओ सदस्यों द्वारा वायकर की रैली में हिस्सा लेने के बाबत पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. शर्मा को हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के लाखनभैया एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराया था. शर्मा ने 2019 में महाराष्ट्र राज्य चुनाव में विरार निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के टिकट पर बहुजन विकास अघाड़ी के क्षितिज ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
चुनाव लड़ने से पहले शर्मा ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल में तैनात थे, जहां सेल के प्रभारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ग्लोबल टेरर फाइनेंसर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई, इकबाल कासकर को जबरन वसूली के तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया था. शर्मा को पहले लाखन भैया मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किया गया था और लगभग सात साल तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया था, जबकि अधिकांश पुलिसकर्मियों और अधिकारियों सहित सोलह अन्य आरोपियों को मामले में दोषी ठहराया गया था.
2021 में जब एंटीलिया का मामला सामने आया, तो शर्मा के करीबी सहयोगी सचिन वाजे, (जिन्होंने नब्बे के दशक के अंत और 2000 की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच में उनके अधीनस्थ के रूप में काम किया था) को विस्फोटक लगाने का आरोपी पाया गया था. सचिन वाजे ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास स्कॉर्पियो में विस्फोटक और एक धमकी भरा पत्र रखा था. स्कॉर्पियो ठाणे के मनसुख हिरेन की थी. चूंकि हिरेन इस मामले में कमजोर कड़ी था, इसलिए हिरेन को टक्कर मार दी गई और उसके शव को मुंब्रा खाड़ी में फेंक दिया गया. मामले की जांच करते समय एनआईए अधिकारियों ने पाया कि प्रदीप शर्मा ने अपने लोगों के माध्यम से हिरेन को टक्कर मारने में वाजे की मदद की थी और उन्हें मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.
तब भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को कुर्क कर लिया था क्योंकि शर्मा उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के सदस्य थे. एंटीलिया मामले के बाद बीजेपी ने भी सवाल उठाया था कि ख्वाजा यूनुस मुठभेड़ मामले में आरोपी सचिन वाजे को सोलह साल बाद कैसे बहाल किया गया और वाजे 2008 में शिवसेना में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने 2021 में एंटीलिया केस के मुख्य आरोपी सचिन वाजे की बहाली के लिए शिवसेना और एमवीए के अन्य सहयोगियों पर भी निशाना साधा था.
पीएस फाउंडेशन (प्रदीप शर्मा फाउंडेशन) प्रदीप शर्मा और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित एक गैर सरकारी संगठन है जो अंधेरी पूर्व के चकला, जेबी नगर और आसपास के इलाकों में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि शर्मा 2019 की शुरुआत में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद महाराष्ट्र चुनाव में अंधेरी पूर्व विधायक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन शिवसेना के पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें विरार से चुनाव लड़ने के लिए कहा.
शर्मा ने गुरुवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर वायकर की रैली के संबंध में घोषणा भी साझा की थी. इंडिया टुडे से बात करते हुए, प्रदीप शर्मा ने कहा, 'मैं एकनाथ शिंदे की वजह से राजनीति में आया और मेरी पत्नी स्वकृति शर्मा के नेतृत्व वाला पीएस फाउंडेशन पूरे दिल से रवींद्र वायकर का समर्थन करता है जो शिवसेना के उम्मीदवार हैं.' रैली में वरिष्ठ भाजपा नेता आशीष शेलार भी मौजूद थे, जब उनसे पीएस फाउंडेशन और प्रदीप शर्मा द्वारा वायकर का समर्थन करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है इसलिए इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.' जब शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा से वायकर के समर्थन में रैली में भाग लेने वाले पीएस फाउंडेशन के सदस्यों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'मुझे इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है.'
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, "बीजेपी और सहयोगी दलों को अपराधियों का समर्थन लेने की जरूरत है, क्योंकि लोग उनके साथ नहीं हैं और इसलिए वे डरे हुए हैं और अनियोजित चीजों का सहारा ले रहे हैं. उनके पास कोई उम्मीदवार नहीं था, इसलिए उन्होंने हमारे नेता को चुरा लिया. बीजेपी ने इससे पहले प्रदीप शर्मा पर आरोप लगाती रही है. उन्होंने कहा कि,'महाराष्ट्र में बीजेपी को कठिन समय का सामना करना पड़ेगा, हमें भरोसा है कि वोटर्स सही फैसला लेंगे.'