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Parsa Election Results 2020: लालू के समधी चंद्रिका राय हारे, RJD के छोटेलाल की जीत

Parsa Election Results, Parsa Vidhan Sabha seat Counting 2020: इस सीट पर 1951 से लेकर अभी तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में 14 बार एक ही परिवार के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. हालांकि, इस बार आरजेडी के छोटेलाल राय ने लालू यादव के समधी और जेडीयू नेता चंद्रिका राय को हरा दिया है.

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Parsa Election Results 2020
Parsa Election Results 2020

बिहार में परसा विधानसभा सीट पर आरजेडी के छोटे लाल राय ने लालू यादव के समधी और जेडीयू नेता चंद्रिका राय को हरा दिया है. चंद्रिका राय को 51023 वोट हासिल हुए वहीं, छोटे लाल राय को 68316 वोट मिले. इस सीट पर चंद्रिका राय की हार में कुछ भूमिका लोजपा के उम्मदीवार राकेश कुमार सिंह की भी रही जिन्हें 12186 वोट प्राप्त हुए.

बता दें कि बिहार में तीन चरणों में हुए चुनावों में इस बार कुल 59.94 फीसदी वोटिंग हुई है. परसा विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए, यहां कुल 57.79% मतदान हुआ.

इस बार के मुख्य उम्मीदवार

  • जेडीयू - चंद्रिका राय
  • आरजेडी - छोटेलाल राय
  • एलजेपी - राकेश कुमार सिंह
परसा विधानसभा सीट के नतीजे

परसा विधानसभा सीट बिहार में एक वीआईपी सीट मानी जाती है. इस सीट पर एक ही परिवार का कब्जा रहा है. 1951 से लेकर अभी तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में 14 बार एक ही परिवार के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. पिछली बार इस सीट से उसी सियासी परिवार के सदस्य और लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय विधायक रहे. 

दरअसल, लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या से मई 2018 में हुई थी. हालांकि, कुछ ही महीने बाद यह रिश्ता ताड़-ताड़ हो गया. तेज प्रताप ने तलाक की अर्जी लगाई, उधर ऐश्वर्या ने यादव परिवार के खिलाफ प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया. परिवार के बीच मचे घमासान की वजह से चंद्रिका राय की आरजेडी से भी दूरी बढ़ गई. 

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

1951 में गठित परसा विधानसभा सीट पर 17 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन चुनावों में एक ही परिवार का दबदबा रहा है. यह सीट दरोगा प्रसाद राय के नाम से जानी जाती है. वही दरोगा प्रसाद राय जो लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. दरोगा प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे. हालांकि, जेपी आंदोलन के लहर वाले 1977 के विधानसभा चुनावों में उन्हें रमानंद प्रसाद यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, 1980 के विधानसभा चुनावों में फिर दरोगा प्रसाद ने जीत हासिल की. तभी उनका निधन हो गया.

उनकी मौत के बाद 1981 में इस सीट पर उपचुनाव हुए और लोगों ने उनकी पत्नी प्रभावती देवी को विधायक चुना. उनके बाद दरोगा प्रसाद के बेटे चंद्रिका राय ने सियासी विरासत को आगे बढ़ाया और 1985 के विधानसभा चुनाव में पिता वाली कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा, जीत भी हासिल की. लेकिन आगे की सियासी पारी के लिए उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. इस दौरान सियासी गलियारे में बातें कही गईं कि चंद्रिका राय की जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है. लेकिन 1990 का उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा और इसमें भी उन्हें जीत मिली.

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इसके बाद उन्होंने जनता दल का साथ पकड़ा और आगला विधानसभा चुनाव जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता. हालांकि 2000 और 2005 का विधानसभा चुनाव उन्होंने आरजेडी के टिकट पर लड़ा. लेकिन इसके बाद लगातार 5 विधानसभा चुनाव जीतने वाले को अगले दो चुनावों में जेडीयू के छोटेलाल राय के हाथों लगातार दो हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, 2015 में उन्होंने फिर जीत हासिल की.

    2015 का जनादेश
    2015 के विधानसभा चुनावों में चंद्रिका राय ने छोटेलाल राय को 37 हजार से ज्यादा के मार्जिन से हरा दिया था. चंद्रिका राय को यहां से 77211 वोट मिले थे वहीं, लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले छोटेलाल राय को 34876 वोट प्राप्त हुए थे.

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