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मतदान से पहले बहुजन विकास अघाड़ी को झटका, BJP में शामिल हुए BVA उम्मीदवार

मतदान से एक दिन पहले दहानू से बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुरेश पाडवी बीजेपी में शामिल हो गए. पाडवी पालघर भाजपा जिला अध्यक्ष भरत राजपूत की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए. कुछ दिन पहले ही पडवी बीजेपी से बहुजन विकास अघाड़ी में शामिल हुए थे और उम्मीदवारी हासिल की थी.

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दहानू से बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुरेश पाडवी बीजेपी में शामिल
दहानू से बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुरेश पाडवी बीजेपी में शामिल

महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में मतदान से एक दिन पहले दहानू से बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुरेश पाडवी बीजेपी में शामिल हो गए. पाडवी पालघर भाजपा जिला अध्यक्ष भरत राजपूत की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए. कुछ दिन पहले ही पडवी बीजेपी से बहुजन विकास अघाड़ी में शामिल हुए थे और उम्मीदवारी हासिल की थी.

पाडवी ने भाजपा का दामन थामते हुए इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार विनोद मेधा को अपना समर्थन देने की घोषणा की. पाडवी ने कहा, 'मैंने भाजपा के जिला पदाधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की और आज आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल हो गया. मैं दहानू में भाजपा उम्मीदवार को अपना समर्थन देने की घोषणा करता हूं.' बता दें कि हितेंद्र ठाकुर के नेतृत्व वाली बीवीए के निवर्तमान राज्य विधानसभा में तीन विधायक थे. 

क्या है दहानू सीट की स्थिति?

बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के मौजूदा विधायक विनोद निकोले बुधवार को होने वाले चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. बीवीए, जिसकी स्थापना और नेतृत्व हितेंद्र ठाकुर ने किया था, के निवर्तमान राज्य विधानसभा में तीन विधायक थे.

कल होना है मतदान

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महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है. नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. 

महायुति और एमवीए में मुकाबला

महायुति गठबंधन में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल है. महायुति अपनी लोकप्रिय योजनाओं जैसे "माझी बहन, माझी लडकी" के माध्यम से महिलाओं को सहायता देकर सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी ने बंटेगें तो कटेंगे जैसे नारों के इस्तेमाल से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की.

वहीं, महाविकास अघाड़ी (MVA), जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल हैं. वह राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगा रही हैं.

MVA ने सत्तारूढ़ गठबंधन की बयानबाजी का जवाब जाति आधारित जनगणना, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके दिया. विपक्षी पार्टियों का लक्ष्य उन मतदाताओं को आकर्षित करना था जो सरकार से उपेक्षित महसूस कर रहे थे.

चुनाव से पहले, भाजपा ने सोमवार को विपक्षी MVA पर हमला करते हुए "कांग्रेस से कहो नहीं" अभियान लॉन्च किया. इस अभियान में अतीत की घटनाओं को उजागर किया गया, जिसमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले और पालघर में साधुओं की हत्या जैसी घटनाएं शामिल थीं.

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