दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों के सिंडिकेट का मामला गर्माता जा रहा है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के रिठाला से विधायक मोहिंदर गोयल को नोटिस जारी किया है. हालांकि, उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश करार दिया है और जल्द ही वह सबका खुलासा करेंगे. पुलिस ने विधायक के स्टाफ को भी नोटिस जारी किया है.
इसी मुद्दे को लेकर आप विधायक मोहिंदर गोयल ने आजतक से खास बातचीत की है. उन्होंने कहा कि मुझे नोटिस मिला है. पुलिस द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. मैं आज पूछताछ में शामिल होने नहीं जाऊंगा. मैं चुनाव प्रचार में लगा हूं, चुनाव के बाद जांच में शामिल होऊंगा.
'ये सब साजिश'
उन्होंने ये भी कहा कि हमने हमेशा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहयोग किया है. हमारे इलाके में अगर कोई बांग्लादेशी है तो उस पर एक्शन होना चाहिए. लेकिन ये सब मेरे खिलाफ साजिश है, मुझे मालूम है कहां से ये सब हो रहा है, जल्द ही सबका खुलासा करूंगा.दिल्ली पुलिस ने MLA के स्टाफ को भी नोटिस देकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया था, स्टाफ भी पूछताछ में शामिल नहीं हुआ.
मोहिंदर ने मांग पुलिस से वक्त
वहीं, सूत्रों का कहना है कि फिलहाल आप विधायक मोहिंदर गोयल ने नोटिस पर 10 दिन का वक्त मांगा है. MLA ने कहा है कि 10 दिन बाद पूछताछ में शामिल होंगे.
इससे पहले उन्होंने कहा कि ये सब एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है. मैंने दिल्ली पुलिस द्वारा जारी नोटिस का जवाब भेज दिया है. मैं कानून का सम्मान करता हूं, वे (बीजेपी) जानते हैं कि AAP सभी विधानसभा सीटें जीत रही है और यह एक राजनीतिक स्टंट है''
दिल्ली पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड डॉक्यूमेंट्स मामले में जांच में शामिल होने के लिए आप विधायक मोहिंदर गोयल को शाम साढ़े पांच बजे पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया था. पुलिस ने उन्हें साउथ दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ के ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां सीनियर अधिकारी उनसे पूछताछ करेगी.
आपको बता दें कि मोहिंदर गोयल पर अवैध बांग्लादेशियों को शरण देने के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने उन्हें पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया था. इस मामले की जांच में पुलिस को मिले डॉक्यूमेंट में आप विधायक मोहिंदर गोयल के साइन और उनकी नाम की मुहर लगी हुई मिली है.
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के नेटवर्क का खुलासा
वहीं, संगम विहार में सेंटू शेख (उर्फ राजा) की हत्या की जांच से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के नेटवर्क का पता चला हैं. दिल्ली पुलिस के अनुसार, फर्जी वेबसाइट 'Jantaprints.site' के माध्यम से जाली आईडी का उपयोग करके आधार, मतदाता पहचान पत्र और अन्य डॉक्यूमेंट बनाए गए, जिसने नकली जन्म प्रमाण पत्र और आईडी तैयार कीं.
डॉक्यूमेंट जालसाजों, आधार ऑपरेटरों और वेबसाइट तकनीकी विशेषज्ञों सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अवैध आप्रवासियों ने भारत में घुसपैठ करने के लिए जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल किया.
इसके इतर सेंटू की हत्या के आरोप में चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 21 आधार कार्ड, 4 वोटर आईडी कार्ड और 8 पैन कार्ड बरामद किए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने जांच में अवैध अप्रवासियों के लिए नकली भारतीय डॉक्यूमेंट बनाने में शामिल एक गिरोह का पर्दाफाश किया है.