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आंखों की रोशनी नहीं, फिर भी बोर्ड में 82% लाया मजदूर का ये बेटा

मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर का रहने वाले प्रजापति घर से दूर दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है. देख नहीं सकने के बावजूद उसने सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82 फीसदी अंक हासिल कर अपने माता-पिता का सिर ऊंचा कर दिया.

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आर प्रजापति अपनी मां के साथ
आर प्रजापति अपनी मां के साथ

छात्र के जीवन में 10वीं और 12वीं बोर्ड बहुत मायने रखते हैं. ये छात्र जीवन के वो बोर्ड हैं जिसके आधार पर वे अपने आगे के करियर को चुनते हैं. मगर ज्ञान मिलना इतना आसान नहीं है. कोई आर्थ‍िक रूप से कमजोर होता है तो कोई शारीरिक रूप से, लेकिन पढ़ने का दृढ़ निश्चय हो तो कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं सकती. इन्हीं में से एक है आर प्रजापति. प्रजापति देख नहीं सकता लेकिन फिर भी सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82% अंक हासिल कर उसने मिसाल पेश की है.

मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर का रहने वाले प्रजापति घर से दूर दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा है. देख नहीं सकने के बावजूद उसने सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82 फीसदी अंक हासिल कर अपने माता-पिता का सिर ऊंचा कर दिया. प्रजापति ने बताया कि वह आगे पढ़ना चाहता है. उसने बताया कि दसवीं की पढ़ाई उसने हरिद्वार से की है और उसके बाद दिल्ली में एक सरकारी स्कूल में दाखिला लिया.

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न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में प्रजापति के पिता ने बताया कि उनके स्थानीय स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं थी, जिस वजह से उन्हें अपने बेटे को बाहर भेजना पड़ा. प्रजापति के पिता ने बताया कि वे मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पाल रहे हैं. अपने बेटे की इस सफलता पर वे गौरवांवित हैं. आगे भी बेटे को पढ़ाने के लिए वे कोई भी काम करेंगे. 

प्रजापति की सफलता देखकर उसके अपने शहर के अफसर भी फूले नहीं समा रहे हैं. बलरामपुर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा कि वे लोग अपनी ओर से प्रजापति की पढ़ाई पूरी करने में हरसंभव प्रयास करेंगे. बता दें कि 2 मई को सीबीएसई 12वीं के परिणाम जारी किए गए थे. इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों का परफॉरमेंस प्राइवेट स्कूलों से बेहतर रहा.

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