बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में गैर हिंदू शिक्षक की भर्ती के विरोध में आंदोलन को एक महीने से भी ऊपर हो चुका है. इसके बाद अब आंदोलित छात्रों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है. इसी कड़ी में आंदोलित छात्रों ने बीएचयू प्रशासन को फिरोज खान की नियुक्ति रद्द करने के लिए एक दिन का वक्त दिया है.
छात्रों ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो छात्र कल से शुरू होने वाली परीक्षा का भी बहिष्कार करेंगे साथ ही आमरण अनशन की शुरुआत कर देंगे. वाराणसी के बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के आंदोलित छात्र अब आर-पार की लड़ाई का मन बनाते दिख रहें हैं. इसी का नतीजा है कि आंदोलित छात्रों को समझाने पहुंचे चीफ प्रॉक्टर को भी छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा.
इस दौरान छात्रों ने चीफ प्राक्टर सहित बीएचयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी. चीफ प्राक्टर की ओर से समझाने के बावजूद न मानने पर मजबूरी में चीफ प्राक्टर वहां से चले गए, लेकिन वे कुछ भी बोलने से बचते भी रहे. आंदोलित छात्रों ने साफ-साफ बताया कि पिछले एक माह से वे आंदोलनरत हैं और बीएचयू उनकी अनदेखी कर रहा है. अगर 24 घंटे में फिरोज खान की नियुक्ति उनके संकाय से रद्द नहीं होती है तो वे आमरण अनशन को बाध्य हो जाएंगे. इतना ही नहीं, वे कल से शुरू होने वाली परीक्षा का भी बहिष्कार करेंगे.
छात्र चक्रपाणि ने बताया कि बीएचयू के दो अलग-अलग संकाय हैं. पहला भाषा के लिए संस्कृत विभाग से जुड़ा है, दूसरा एसवीडीवी कॉलेज है. ये प्राचीन भारतीय शास्त्रों और साहित्य को पढ़ाता है. प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति इस संकाय में हुई है. आप अगर थ्योरी को छोड़ दें तो हमें वही हिंदू धर्म की परंपराएं पढ़ा सकता है जो प्रैक्टिसिंग हिंदू हो अर्थात जो हिंदू परंपरा का पालन करता हो. ये गैर हिंदू द्वारा संभव नहीं है, उन्हें हिंदू समारोहों में हिस्सा लेना होगा. वो इस तरह के अनुष्ठानों में कैसे शामिल हो सकते हैं.