कर्मचारी चयन आयोग की ओर से साल 2017 में आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय (Combined Graduate Level) और संयुक्त उच्च माध्यमिक स्तरीय परीक्षा (Combined Higher Secondary Level) में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों को अभी अपनी परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार करना होगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट अभी परीक्षा के रिजल्ट से रोक नहीं हटाने जा रहा है.
बता दें कि कोर्ट ने 2017 की सीजीएल और सीएचएसएल परीक्षाओं के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी. हालांकि कोर्ट का कहना है कि वो एसएससी की इन परीक्षाओं के रिजल्ट पर लगी रोक को नहीं हटाने जा रही. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, कोर्ट ने पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर सुझाव देने के लिए एक समिति बनाने की बात कही है.
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कोर्ट के अनुसार, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और कंप्यूटर विज्ञानी विजय पी भटकर वाली तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति बनानी चाहिए. वहीं न्यायमूर्ति एस. ए. बोवड़े और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख निर्धारित की. पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण को समिति गठित करने के लिए नीलेकणि और भटकर के अलावा एक नाम सुझाने को कहा.
पीठ ने कहा कि तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाली सरकारी संस्थाओं में सुधार के सुझाव देगी. भूषण ने कहा कि वह अगले सप्ताह एक नाम सुझाएंगे. कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश वकील को परीक्षा रद्द करने के बिंदु पर निर्देश लेने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करना कठिन है.
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गौरतलब है कि एसएससी सीजीएल 2017 के प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए थे, जिसके बाद कई दिनों तक छात्रों ने भारी विरोध किया था. कोर्ट ने 31 अगस्त को एसएससी सीजीएल और समन्वित उच्च माध्यमिक स्तरीय (सीएचएसएल) परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी.