जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना में निधन हो गया है. वह लंबे समय से सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से जूझ रहे थे. इलाज के लिए उन्हें पीएमसीएच अस्पताल (PMCH hospital) में भर्ती कराया गया था. आइए जानते हैं उनके बारे में.
- वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म बिहार के बसंतपुर गांव में 2 अप्रैल 1942 में हुआ था. वह अपने परिजनों के संग पटना के कुल्हरिया कॉम्प्लेक्स में रहते थे. जिंदगी के आखिरी दिनों में भी किताब, कॉपी और पेंसिल से उनकी अच्छी दोस्ती थी.
महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन, आइंस्टीन के सिद्धांत को दी थी चुनौती
- खबरें हैं हिंदी फिल्म प्रोड्यूसर प्रकाश झा उनपर एक फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं. आपको बता दें, उन्होंने आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में कहा जाता है कि नासा में अपोलो की लॉन्चिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था.
- BBC की रिपोर्ट के अनुसार जब वह पटना साइंस कॉलेज में पढ़ते थे, उस दौरान वह बतौर छात्र गलत पढ़ाने पर वह अपने गणित के प्रोफेसर को टोक देते थे. इसके बारे में जब कॉलेज के प्रिंसिपल को जानकारी मिली तो उन्होंने वशिष्ठ नारायण सिंह की प्रतिभा को देखने के लिए उनकी अलग से परीक्षा ली. जिसके बाद उन्होंने सारे अकादमिक रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.
Patna: Mathematician Vashishtha Narayan Singh passes away at Patna Medical College and Hospital (PMCH). He was 74 years old. #Bihar
— ANI (@ANI) November 14, 2019
- वह पांच भाई- बहन थे. उनका बचपन काफी गरीबी में बीता. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी गरीबी उनकी प्रतिभा का रास्ता नहीं रोक सकी.
कैसे आए नजर में
- जब वह वशिष्ठ नारायण सिंह पटना साइंस कॉलेज में पढ़ते थे तो उस दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन कैली की नजर उन पर पड़ी. कैली ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें बरकली आ कर रिसर्च करने का निमंत्रण दिया. 1965 में वशिष्ठ नारायण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में रिसर्च के लिए चले गए थे.
- साल 1969 में उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. आपको बता दें, उन्होंने नासा में एक गणितज्ञ के रूप में काम किया था, बाद में उनका मन नहीं लगा और वह वापस 1971 में भारत लौट आए.
- इसके बाद उन्होंने पहले IIT कानपुर, बॉम्बे, और फिर ISI कोलकाता में नौकरी की.
शादी
उनका विवाह साल 1973 में वंदना रानी सिंह के साथ हुआ. अपनी शादी के कुछ समय बाद मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो गए. कुछ समय बाद उनकी पत्नी ने उनसे तलाक ले लिया था. आपको बता दें, उन्हें ये बीमारी पिछले 40 सालों से थी.