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मम्मी-पापा के डर से बना डाली NEET की फेक मार्कशीट, अब होगा ये एक्शन

बच्चों पर डॉक्टर-इंजीनियर बनने का दबाव बचपन से हावी रहता है. ऐसे ही दबाव से बचने के लिए कुछ छात्रों ने नीट और JEE  की फर्जी मार्कशीट बना डाली. पेरेंट्स ने इसी के आधार पर की शिकायत तो जानिए NTA ने क्या लिया फैसला.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

बच्चों पर डॉक्टर-इंजीनियर बनने का दबाव बचपन से हावी रहता है. ऐसे ही दबाव से बचने के लिए कुछ छात्रों ने नीट और JEE  की फर्जी मार्कशीट बना डाली. पेरेंट्स ने इसी के आधार पर की शिकायत तो जानिए NTA ने क्या लिया फैसला.

नीट और जेईई प्रवेश परीक्षा की फर्जी मार्कशीट बनाने के इस मामले में नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन मामलों की पुलिस शिकायत करने का फैसला लिया है. मामले के अनुसार कई छात्रों ने अभिभावकों को फर्जी मार्कशीट बनाकर दिखाया कि उनके नंबर काफी अच्छे हैं. उन्होंने इसे इतने शातिर ढंग से किया कि परिजन इस बिला पर अधिकारियों से शिकायत करने को भी तैयार हो गए.

टाइम्स ऑफ इंडिया को मिले डॉक्यूमेंट्स के अनुसार करीब 30 छात्रों के पैरंट्स ने बच्चों पर भरोसा करके एक जगह नहीं ब‍ल्क‍ि ऊपरी लेवल तक कंप्लेन कर दी. पेरेंट्स ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को शिकायत भेजी. एजेंसियों ने तत्काल इन मामलों की जांच कराई, इसमें चौंकाने वाली बात सामने आई. यहां एजेंसी की खामी की बजाय स्टूडेंट की ही शातिर चाल सामने आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इन मामलों को एनटीए ने पुलिस को सौंपने का फैसला लिया है.

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ऐसे NTA ने की पुष्ट‍ि

एनटीए ने शिकायत पर उन स्टूडेंट्स की उत्तर पुस्तिकाओं को एक बार फिर चेक करना पड़ा. रिपोर्ट के अनुसार एक मामले में तो कैंडिडेट ने तीन में से दो सेक्शंस का पर्सेंटाइल स्कोर ही चेंज कर दिया था. उसने नीट में अपनी ओवरऑल रैंक भी बदल डाली थी. इसी को लेकर पेरेंट्स ने सभी जगह मेल किए थे. कंप्लेन में पेरेंट्स ने पूछा था कि भला एक ही स्टूडेंट की दो मार्कशीट कैसे जारी की गईं.

क्यू आर कोड से आसानी से हुई पकड़

मानव संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी के बयान के अनुसार उम्मीदवार ने असली मार्कशीट के क्यूआर कोड को ही नकली वाली शीट में इस्तेमा‍ल किया. उसी क्यू आर कोड के जरिये जांच आगे बढ़ी तो सारा मामला सामने आ गया. उसी से पता चला कि दूसरी वाली मार्कशीट बाहर तैयार की गई है.

यहां भी चालाकी

कई मामलों में उम्मीदवारों ने ओएमआर आंसर शीट ही बदल दी. इनकी जांच में पता चला कि ऑनलाइन जारी ओएमआर शीट और शिकायत में भेजी गई ये शीट अलग थी. कुल मिलाकर इस पूरे मामले में स्टूडेंट पर ही कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है. अब देखना ये है कि पुलिस जांच में दोषी पाए जाने पर इन उम्मीदवारों पर क्या कार्रवाई होगी.

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