मणिपुर बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (BOSEM) ने सोमवार, 12 मई 2025 को कक्षा 10वीं यानी हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) परीक्षा 2025 का रिजल्ट आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया..इस बार कुल मिलाकर 91.37% छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं. इस वर्ष राज्यभर में 19 फरवरी से 7 मार्च तक आयोजित की गई इस परीक्षा में कुल 36,943 छात्र शामिल हुए थे. इनमें से 18,387 लड़के और 18,556 लड़कियां थीं. परिणामों के अनुसार, 33,755 छात्र सफल हुए, जबकि 9 छात्रों का परिणाम फिलहाल रोका गया है.
पिछले वर्षों की तुलना में कैसा रहा प्रदर्शन?
इस वर्ष का पास प्रतिशत 91.37% रहा, जो कि पिछले वर्ष 2024 के मुकाबले थोड़ा कम है. 2024 में यह प्रतिशत 93.03% था. हालांकि, 2023 में 82.82% और 2022 में केवल 76% छात्र ही पास हो पाए थे, इस हिसाब से 2025 का प्रदर्शन पहले की तुलना में बेहतर रहा है. इस बार काकचिंग जिले का रिजल्ट सबसे अव्वल रहा है, जहां 98.47% छात्र पास हुए हैं. इसके बाद नोनी जिला 97.78% के साथ दूसरे स्थान पर रहा. चंदेल जिला 95.95% के साथ तीसरे स्थान पर रहा. वहीं, फेरज़ावल जिला केवल 56.76% पास प्रतिशत के साथ सबसे पीछे रहा.
सरकारी बनाम निजी स्कूलों का प्रदर्शन
निजी, सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रदर्शन की बात करें तो इस वर्ष भी निजी स्कूलों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. कुल 27,332 छात्र निजी स्कूलों से परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 25,734 सफल हुए, जिससे उनका उत्तीर्ण प्रतिशत 94.15% रहा. वहीं, सरकारी स्कूलों से 8,404 छात्र परीक्षा में बैठे थे, जिनमें से 6,918 छात्रों ने सफलता प्राप्त की, जिससे 82.32% का पास प्रतिशत दर्ज किया गया. सहायता प्राप्त स्कूलों की बात करें तो 1,207 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 1,103 पास हुए और उनका पास प्रतिशत 91.38% रहा. इससे स्पष्ट है कि निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों के परिणाम सरकारी स्कूलों की तुलना में बेहतर रहे.
परीक्षा परिणामों की घोषणा और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
BOSEM के अध्यक्ष अखम जॉयकुमार, सचिव एस. जीतलाल शर्मा और शिक्षा निदेशक (एस) एनजी भोगेंद्र मैतेई की उपस्थिति में शिक्षा (एस) सचिव नाओरेम प्रवीण सिंह ने परीक्षा परिणामों की घोषणा की. उन्होंने परीक्षा में सफल सभी छात्रों को बधाई दी और सभी शिक्षकों, बोर्ड कर्मचारियों और जिलों के उपायुक्तों का धन्यवाद किया, जिन्होंने परीक्षा शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक आयोजित कराने में सहयोग किया.
नाओरेम प्रवीण सिंह ने यह भी कहा कि, "हमने पिछले वर्ष से नई प्रणाली को अपनाया है, जिसमें अब ग्रेड के रूप में अंक दिए जाते हैं. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अनुरूप है. इसका उद्देश्य छात्रों के समग्र प्रदर्शन को सुधारना है, बिना उन पर अतिरिक्त दबाव डाले."