अगर आप अपने करियर को लेकर चिंतित हैं तो पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में अपना करियर बना सकते हैं. इस क्षेत्र में आज प्रोफेशनल्स की बड़ी मांग है. पेट्रोलियम इंजीनियरिंग को पेट्रोइंजीनियरिंग या पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग भी कहा जाता है.
केमिकल्स हाईड्रो कार्बन के बने होते हैं. इसलिए इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपके पास इसकी समझ होनी चाहिए. पेट्रो का मतलब पेट्रोलियम से है. यह इंजीनियरिंग की एक स्पेशल ब्रांच है.
जैसा हम जानते है कि पेट्रोल, डीजल, गैस आदि जैसे प्राकृतिक पदार्थ जमीन से निकलते है. लेकिन जिस रूप में वे मौजूद होते हैं, उसे इंसानों के लिए उपयोगी बनाने का काम पेट्रोकेमिकल इंजीनियर्स करते है. सरल भाषा में कहें तो कच्चे पदार्थ को साफ करने का काम पेट्रोइंजीनियर्स का होता है.
पेट्रोल और डीजल एक प्राकृतिक संसाधन है, जो कच्चे तेल के रूप में धरती में मौजूद है. इस कच्चे तेल को निकालने और रिफाइन करने के लिए पेट्रोकेमिकल इंजीनियर की जरूरत पड़ती है. इस इंजीनियरिंग को दो भागों में विभाजित कर सकते है, पहला भाग अपस्ट्रीम और दूसरा भाग डाउनस्ट्रीम कहलाता है.
अपस्ट्रीम सेक्टर में प्राकृतिक संसाधनों की खोज और उत्पादन का काम किया जाता है. कच्चे तेल से अलग -लग चीजों का उत्पादन इसी सेक्टर से जुड़ा हुआ है. जबकि डाउनस्ट्रीम सेक्टर में ड्रिलिंग और जमीन से तेल को निकालने का काम होता है.
अगर आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपके पास 12वीं में साइंस होनी चाहिए. 12वीं पास करने के बाद आप पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं.